शंभुधन फूंगलो
जन्म : 1850, लोंगखोर (असम)
बलिदान : 12 फरवरी, 1883
भारत को स्वतंत्र कराने के लिए असम में भी कई आंदोलन हुए। उन आंदोलनों को शंभुधन फूंगलो जैसे क्रांतिकारियों ने आगे बढ़ाया।
फूंगलो ने दिमासा जनजाति के युवाओं को संगठित किया और उनके दो दर्जन से ज्यादा विभिन्न संगठन बनाकर अंग्रेजों के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया। शंभुधन फूंगलो ने अंग्रेजी सेना पर हमला कर मेजर बोयाड को मार गिराया। इसके बाद अंग्रेजी सेना भाग खड़ी हुई।
उन्होंने बराक नदी किनारे देवस्थानों पर अपने सैन्यदलों की छावनियां बनाईं। 12 फरवरी, 1883 को वे बलिदान हो गए। शंभुधन फूंगलो का व्यक्त्वि आज भी पूर्वोत्तर के युवाओं को अपनी माटी के लिए जीने-मरने की प्रेरणा दे रहा है।
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