रंगाहरि जी के गुणों को अपने जीवन में उतारना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
गत नवंबर को भुवनेश्वर स्थित उत्कल बिपन्न सहायता समिति के परिसर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के पूर्व अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख स्व. रंगाहरि जी को श्रद्धांजलि देने के लिए एक सभा आयोजित हुई।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सद्भावना सह प्रमुख डॉ. गोपाल प्रसाद महापात्र ने कहा कि रंगाहरि जी का जीवन संघ विचार का जीवंत ग्रंथ था।
प्रज्ञा के असीम भंडार रंगाहरि जी ने पूरे देश में व देश के बाहर भी अनगिनत स्वयंसेवकों, कार्यकर्ताओं तथा आम लोगों को प्रभावित किया।
डॉ. महापात्र ने कहा कि वे ज्ञानी, सुवक्ता, लेखक, कुशल संगठक और स्नेही कार्यकर्ता थे। उनके गुणों को अपने जीवन में उतारना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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