उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पहाड़ी राज्य में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने का उद्देश्य समाज के किसी भी वर्ग को न तो खुश करने और न ही किसी वर्ग को टार्गेट करना है। बल्कि प्रदेश में यूसीसी के लागू होने से समाज के सभी समुदायों को फायदा होगा। सभी मजबूत होंगे।
सीएम पुष्कर सिंह धामी मध्य प्रदेश के इंदौर में उत्तराखंड के स्थानीय संगठन उत्तराखंड सांस्कृतिक संस्था द्वारा आय़ोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे। इसी दौरान उन्होंने ये बात कही। धामी ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा भाजपा ने जनता से वादा किया था और ये बीजेपी का संकल्प भी था। जिन लोगों ने तुष्टीकरण की राजनीति के तहत देश पर लंबे समय तक शासन किया था, वो लोग उत्तराखंड के आम लोगों में यूसीसी को लेकर गलत जानकारियां फैला रहे हैं।
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मुख्यमंत्री धामी कहते हैं, “इस कोड को लागू करने का उद्देश्य किसी वर्ग को खुश करना या अन्य वर्गों को लक्षित करना नहीं है। यह कोड सभी वर्गों के सशक्तिकरण के लिए लागू होगा। इसके लागू होने के बाद किसी भी वर्ग का आरक्षण, वैवाहिक अधिकार, रीति-रिवाज आदि प्रभावित नहीं होंगे।” सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने यूसीसी लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता एक समिति का गठन किया है, जिसने डेढ़ साल के अंदर 2.34 लाख लोगों से सुझावों मांगे हैं, जबकि 20000 लोगों से सीधे तौर पर मिलकर चर्चाएं की हैं।
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जैसे ही समिति अपना काम पूरा कर लेगी, हम इसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे। संविधान के अनुच्छेद 44 में प्रावधान है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। बता दें कि राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद सभी धर्मों के लोगों को एक समान नियमों का पालन करना पड़ेगा।
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