चंडीगढ़। सप्ताह भर पहले पंजाब सहित उत्तर भारत में हुई बरसात से जहां लोगों ने प्रदूषण से राहत की सांस ली थी, वहीं पंजाब में पराली जलाने से सीमावर्ती राज्य फिर से धुआं-धुआं होता दिखाई देने लगा है। पंजाब में बुधवार को पराली जलाने के मामलों ने बीते दो साल का रिकॉर्ड टूट गया है। कुल 2544 नए मामले सामने आए हैं। साल 2021 में इसी समय 1761 और 2022 में पराली जलाने के केवल 141 मामले ही रिपोर्ट हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों पंजाब सरकार को पराली जलाने पर रोक लगाने का आदेश देने के साथ ही जमकर फटकार लगाई थी। इसके बावजूद पराली जलाने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं।
बठिंडा जिला लगातार पराली जलाने के मामले में हॉट स्पॉट बना हुआ है। बुधवार को भी यहां से सर्वाधिक 356 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही बठिंडा का एक्यूआई भी पंजाब में सबसे अधिक 365 दर्ज किया गया है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। बुधवार को मोगा में पराली जलाने के 318, मुक्तसर में 180, संगरूर में 262, लुधियाना में 144, फिरोजपुर में 253, फरीदकोट में 225, फाजिल्का में 179, बरनाला में 264, जालंधर में 85, पटियाला में 66 मामले रिपोर्ट किए गए।
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पंजाब के प्रमुख शहरों में बठिंडा का एक्यूआई 365, जालंधर का 203, पटियाला का 248, खन्ना का 158, लुधियाना का 160, अमृतसर का 170, मंडी गोबिंदगढ़ का 283 दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक पंजाब में आने वाले दिनों में सुबह के वक्त कोहरा पड़ने की संभावना है। विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के डायरेक्टर मनमोहन सिंह के मुताबिक अगले सप्ताह से कोहरा ज्यादा बढ़ेगा। स्मॉग और कोहरे की वजह से दृश्यता कम रहेगी।
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