इसे इजरायली हमलों से शमशान बनते गाजा से उपजा डर कहें या फिर कतर की मध्यस्थता का असर। वजह जो भी हो बीते 40 दिन चल रहे इजरायल हमास युद्ध के बीच अब आतंकी संगठन की अकड़ टूटने लगी है। यही वजह है कि हमास दर्जनों इजरायली बंधकों को छोड़ने के लिए सैद्धान्तिक तौर पर राजी हो गया है। इस बात का खुलासा हमास के साथ मध्यस्थता में शामिल एक अरब राजनयिक ने किया है। अरब राजनयिक के अनुसार, हमास बंधक बनाए गए लगभग 240 विदेशी और इजरायली बंधकों में से कम से कम 50 महिलाओं और बच्चों की रिहाई के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है।
इसके बदले में वो इजरायल से ये डील करना चाहता है कि इजरायल कम से कम तीन से पांच दिनों के लिए युद्ध रोके, गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाए औऱ इजरायल की जेलों में बंद उसके लोगों को छोड़े। डिप्लोमेट के मुताबिक, इस समझौते के लिए अगर इजरायल राजी होता है तो तुरंत इस पर कार्रवाई होगी और जल्द ही बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा। लेकिन अगर इजरायल इससे इनकार करता है तो हम फिर से कोशिशें करेंगे।
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राजनयिक ने कहा कि उम्मीद यह है कि कम से कम कुछ बंदियों की रिहाई के समझौते पर सहमति से गाजा में बंद बाकी लोगों की रिहाई पर आगे की बातचीत हो सकती है। हमास का कहना है कि वो महिलाओं औऱ बच्चों को छोड़ेगा, लेकिन सैन्य बंधकों को अपने पास ही रखेगा। ताकि वो इजरायल से डील कर सके। हमास के साथ डील के लिए बुधवार को दिन भर अमेरिकी और कतर के अधिकारी इंतजार करते रहे, लेकिन इजरायल ने इस मामले पर एक भी बयान जारी नहीं किया।
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हमास के हत्यारों को छिपने के लिए गाजा में कोई जगह नहीं
इस बीच दक्षिणी इजरायल में एक सैन्य चौकी पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, “गाजा में ऐसी कोई जगह नहीं है जहाँ हम नहीं पहुँचेंगे। हमास के हत्यारों के लिए कोई छिपने की जगह नहीं है, कोई ठिकाना नहीं है। बंधकों को रिहा कर दिया जाएगा और हमास को नष्ट कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इजरायल अपने सीमित बंधकों को नहीं, बल्कि अपने पूरे बंधकों को छुड़ाना चाहता है। इसके अलावा इजरायली सरकार ने हमास को समूल नाश का ऐलान किया है। ऐसे में इजरायली सेना के द्वारा युद्ध विराम हमास के खात्मे तक तो मुश्किल है।
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