इजरायल और हमास युद्ध के बीच गाजा शमशान बनता जा रहा है। लेकिन इजरायल है कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। इजरायल ने हमास को जड़ से समाप्त करने की कमस खा रखी है। लेकिन इस बीच इजरायली हमलों के शिकार गाजा में काम कर रही संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNRWA के कर्मचारी भी बने हैं। बीते पांच सप्ताह के भीतर ही इजरायली हमलों में संस्था के 102 लोगों की मौत हो गई है।
इस मामलो को लेकर संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का कहना है कि इजरायली हमलों का शिकार बने अधिकतर लोग ड्यूटी के दौरान नहीं, बल्कि घर पर रहते हुए मरे। इन हमलों में इन कर्मियों के परिवार के लोगों की भी मौतें हुई हैं। UNRWA ने दावा किया है कि मारे गए लोगों में पुरुष और महिलाएं दोनों ही शामिल हैं। मरने वाले लोगों में सबसे बड़ी संख्या शिक्षकों की है। इसके अलावा स्कूल के प्रिंसिपल, गोदाम कर्मचारी, इंजीनियर, एक सॉफ्टवेयर डेवलपर, एक स्त्री रोग विशेषज्ञ और स्टाफ सुरक्षा के प्रभारी समेत एक व्यक्ति की मौत हुई है। UNRWA संयुक्त राष्ट्र की वो संस्था है, जो कि फिलिस्तीन में गाजा के लोगों के हितों के लिए काम करती है। संस्था की संचार निदेशक जूलियट टौमा ने कहा कि उनकी पत्नी समेत उनके 8 बच्चों की उनके ही घर में हत्या कर दी गई।
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जूलियट टौमा ने यूएन कर्मियों की मौत को बड़ी क्षति करार दिया और कहा कि हर दिन उन्हें हमें मारे गए अपने अधिक सहयोगियों की रिपोर्ट्स मिलती हैं।
गौरतलब है कि UNRWA, या संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी का गठन साल 1949 में फिलिस्तीनी शरणार्थियों की सहायता के लिए बनाई गई थी। UNRWA जिन सभी स्थानों पर काम करता है, उनमें से गाजा वह स्थान है जहां यह सबसे बड़ी भूमिका निभाता है, यह देखते हुए कि क्षेत्र के 2.2 मिलियन निवासियों में से 1.4 मिलियन पंजीकृत शरणार्थी हैं। यहीं नहीं यह संस्था गाजा, वेस्ट बैंक, लेबनान, जॉर्डन और सीरिया में अपनी सेवाएं देती है।
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