ताजा समाचार यह है कि कराची के बंदरगाह के पास चीन तथा पाकिस्तान के नौसैनिक बेड़ों की मौजूदगी का पता चला है। यह जानकारी उपग्रह से मिले चित्रों की खंगाल में सामने आई है कि दोनों देश मिलकर कोई नौसैन्य युद्धाभ्यास करने वाले हैं। यह शायद पाकिस्तान और चीन का सबसे बड़ा नौसैन्य अभ्यास हो सकता है। कराची बंदरगाह पर मौजूद चीनी युद्धपोतों, पनडुब्बियों और जहाजों की संख्या से कुछ ऐसा ही आभास हो रहा है।
मीडिया में इस बारे में एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि चीन तथा पाकिस्तान की नौसेनाएं मिलकर ‘सी गार्जियन-3’ नाम का नौसेना अभ्यास शुरू करने जा रही हैं। बताया जा रहा है कि दोनों देशों की नौसेनाएं इस अभ्यास में ‘लाइव फायर’ अभ्यास करने वाली हैं। यह बेशक समुद्र में अपनी ताकत दिखाने के लिए किया जाएगा। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इधर चीन हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है तो उधर यह सी गार्जियन—3 अभ्यास करने की तैयारी है। आखिर चीन की मंशा क्या है?
हिंद महासागर में चीन की हरकतें एक लंबे समय से देखने में आ रही हैं। चीन के कई निगरानी तथा सागर अन्वेषण से जुड़े जहाज दिखाई देते रहे हैं। ज्यादा पुरानी बात नहीं है, अभी इस नवम्बर माह के शुरू में ही चीन के एक सागर अन्वेषण जहाज ने कोलंबो में लंगर डाला था। भारत ने इसे लेकर अपनी आपत्तियां दर्ज कराई थीं। कोलंबों के बाद यह जहाज तमिलनाडु के समुद्र किनारे से होता हुआ अंदमान-निकोबार द्वीप समूह के पास बंगाल की खाड़ी में गया था। यही वजह है कि भारत की नौसेना हिंद महासागर के पूरे इलाके में चीन की नौसैन्य हरकतों पर बारीक नजर रखती आई है।
भारत की नौसेना पाकिस्तान के बंदरगाहों पर चीन की नौसेना के जहाजों की तैनाती पर नजर रखे हुए है।
– नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार
कराची बंदरगाह पर खड़ी चीन की परमाणु पनडुब्बी 039 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी भी भारतीय विशेषज्ञों की चिंता का एक विषय है। इसके अलावा भी चीन के पास अनेक परमाणु ऊर्जा चलित हमलावर पनडुब्बियों हैं। वैसे, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि इस अभ्यास में चीन के बेड़े में उसकी परमाणु पनडुब्बी भी शामिल हो रही है कि यह नहीं लाई गई है।
मीडिया में इस बारे में एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि चीन तथा पाकिस्तान की नौसेनाएं मिलकर ‘सी गार्जियन-3’ नाम का नौसेना अभ्यास शुरू करने जा रही हैं। बताया जा रहा है कि दोनों देशों की नौसेनाएं इस अभ्यास में ‘लाइव फायर’ अभ्यास करने वाली हैं। यह बेशक समुद्र में अपनी ताकत दिखाने के लिए किया जाएगा। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इधर चीन हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है तो उधर यह सी गार्जियन—3 अभ्यास करने की तैयारी है।
रिपोर्ट का यह भी दावा है कि उपग्रह चित्रों में कराची बंदरगाह पर खड़े चीन के युद्धक बेड़े में टाइप 926 पनडुब्बी, टाइप 52डी विध्वंसक, दो टाइप 54 फ्रिगेट तथा एक टाइप 903 ईंधन आपूर्तिकर्ता जहाज दिख रहा है।
भारत के नौसैन्य विशेषज्ञ चीन के सागर में किए जाने वाले ऐसे ‘अभ्यासों’ से अपरिचित नहीं हैं। इन पर लगातार ध्यान दिया जाता है और देखा जाता है कि क्या ये भारत के लिए किसी प्रकार का खतरा तो पेश नहीं करते। भारत को इस कार्य में अमेरिकी नौसेना की भी मदद मिलती रही है। इस वर्ष अप्रैल माह में भारत के नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार ने कहा भी था कि, भारत की नौसेना पाकिस्तान के बंदरगाहों पर चीन की नौसेना के जहाजों की तैनाती पर नजर रखे हुए है।
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