कूड़े से संवारा करिअर
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

कूड़े से संवारा करिअर

कोरोना महामारी में 5 करोड़ रु. का कारोबार ठप होने के बाद नए सिरे से व्यवसाय शुरू किया

by सुनील राय
Nov 12, 2023, 01:09 pm IST
in भारत, बिहार
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग पैसे देकर अपने घरों का कूड़ा उठवा रहे थे। यह सब देख कर उन्होंने दो दोस्तों के साथ कबाड़ का व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई। तय हुआ कि ‘सेल कबाड़ी डॉट कॉम’ नाम से वेबसाइट बनाकर घर-घर से कबाड़ खरीदा जाए। इसके लिए 10 लाख परिवारों से संपर्क करने का लक्ष्य रखा गया।

बिहार के सासाराम के विश्वेश कुमार ने 2014 में बेंगलुरु से कम्पूटर साइंस की पढ़ाई पूरी की। उसी वर्ष वह चचेरी बहन की शादी में वाराणसी गए और वहां जगह-जगह कूड़े का अंबार देखा। बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग पैसे देकर अपने घरों का कूड़ा उठवा रहे थे। यह सब देख कर उन्होंने दो दोस्तों के साथ कबाड़ का व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई। तय हुआ कि ‘सेल कबाड़ी डॉट कॉम’ नाम से वेबसाइट बनाकर घर-घर से कबाड़ खरीदा जाए। इसके लिए 10 लाख परिवारों से संपर्क करने का लक्ष्य रखा गया।

अमूमन लोग किताब, कॉपी, अखबार आदि भी फेंक देते हैं, जिन्हें पुन: संसाधित किया जा सकता है। इन्हें बेचने पर अच्छी कीमत मिल जाती है। विश्वेश ने लोगों से कबाड़ खरीदना शुरू किया। कबाड़ खरीददारों से भी बात की। शुरुआत में चुनौतियां कम नहीं थी। सबसे बड़ी चुनौती थी 10 लाख परिवारों तक पहुंचना, इसके लिए बड़ा नेटवर्क तैयार करना और फिर उसे संजोये रखना। कदम-कदम पर हतोत्साहित करने वाले लोग भी थे। परिवार के लोग कहते थे-‘पढ़-लिख कर कबाड़ बेचोगे?’ लेकिन विश्वेश ने हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि कबाड़ के लिए डोर टू डोर सर्वे किया। फिर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया, जिसके अच्छे परिणाम निकले। जब काम चल पड़ा तो उन्हीं लोगों ने साझीदार बनने की इच्छा जताई, जो पहले तंज कसते थे।

विश्वेश वीएमसी नाम से फ्लाई ऐश की ईंट भी बनाते हैं, जिसका वार्षिक कारोबार 5 करोड़ रुपये का है। पारंपरिक ईंट की तुलना में इस पर लागत आधी आती है। वे बताते हैं कि दक्षिण के राज्यों में मिट्टी खोदने पर रोक है, इसलिए वहां फ्लाई ऐश की ईंट ही उपयोग में लाई जाती हैं। भविष्य में उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी यही फ्लाई ऐश की ईंट ही बाजार में दिखाई देंगी। इसके अलावा, विश्वेश कुमार का ग्रुप हाउसिंग कारोबार भी है। 

काम अच्छा चल रहा था, लेकिन 2020 में कोरोना आ गया और उनका सालाना 5 करोड़ रुपये का कारोबार ठप हो गया। विश्वेश ने इस बार वेयर हाउस और रियल एस्टेट में कदम रखे। आज वाराणसी और बिहार में उनके करीब 21 वेयरहाउस हैं, जिसमें देशी-विदेशी कंपनियां भंडारण करती हैं। ब्रिटानिया, आर्या, सोहन लाल-मोहन लाल आदि कंपनियों से उनका करार है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में उपजने वाले अधिकांश गेहूं और धान का भंडारण इन गोदामों में ही किया जाता है, क्योंकि किसानों के पास उपज रखने के लिए जगह नहीं है।

इसलिए उन्हें अनाज बेचने की जल्दी रहती है। यदि किसान कुछ समय तक अनाज को सुरक्षित रखें तो बाद में इसे अपनी मर्जी के दाम पर बेच सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने ब्लॉक स्तर पर एक वेयर हाउस बनाने की घोषणा की है। इसे देखते हुए वे कई जगहों पर किसानों से लीज पर जमीन लेकर वेयर हाउस बना रहे हैं। वेयरहाउस क्षेत्र में उनका सालाना कारोबार 2 करोड़ रुपये का है।

विश्वेश वीएमसी नाम से फ्लाई ऐश की ईंट भी बनाते हैं, जिसका वार्षिक कारोबार 5 करोड़ रुपये का है। पारंपरिक ईंट की तुलना में इस पर लागत आधी आती है। वे बताते हैं कि दक्षिण के राज्यों में मिट्टी खोदने पर रोक है, इसलिए वहां फ्लाई ऐश की ईंट ही उपयोग में लाई जाती हैं। भविष्य में उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी यही फ्लाई ऐश की ईंट ही बाजार में दिखाई देंगी। इसके अलावा, विश्वेश कुमार का ग्रुप हाउसिंग कारोबार भी है।

Topics: Deepawaliसेल कबाड़ी डॉट कॉमवाराणसी और बिहार
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

दिल्ली फिर बनी गैस चेम्बर, गंभीर श्रेणी में पहुंची राजधानी की हवा

सात समंदर पार महका इत्र

विदेश में बज रहा डंका

पारंपरिक वाद्य के साथ इगास बग्वाल मनाते उत्तराखंडवासी

पर्व एक रूप अनेक

परिधानों के प्रधान

सतमोला समूह के चैयरमैन श्री अनिल मित्तल

स्वाद सफलता का

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बौखलाए पाकिस्तान ने दागी रियाशी इलाकों में मिसाइलें, भारत ने की नाकाम : जम्मू-पंजाब-गुजरात और राजस्थान में ब्लैकआउट

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies