15 अगस्त, 1988 को कौशिक पंड्या ने ‘कल्प सिस्टम्स’ नाम से एक कंपनी शुरू की। उन्होंने अपने साथ कुरपेश शाह को भी जोड़ा। इतना पैसा तो था नहीं कि कहीं किराए पर कार्यालय लिया जा सके। इसलिए दोनों अपने-अपने घर से ही काम करने लगे।
बात 1987 की है। अमदाबाद में साथ पढ़ने वाले कौशिक पंड्या और कुरपेश शाह इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर अलग-अलग कंपनियों में नौकरी कर रहे थे। लेकिन दोनोें कुछ नया करना चाहते थे। अवसर की तलाश करते-करते उन्हें पता चला कि अब भारत में आईटी क्षेत्र में कुछ बड़ा होने वाला है। इसलिए दोनों ने नौकरी छोड़कर कुछ जोखिम उठाने का साहस दिखाया। लेकिन सबसे बड़ी बाधा थी पूंजी की।
खैर, प्रयास करने पर काम शुरू करने योग्य पूंजी की व्यवस्था हो गई। इसके बाद संकल्प को पूरा करने के लिए 15 अगस्त, 1988 को कौशिक पंड्या ने ‘कल्प सिस्टम्स’ नाम से एक कंपनी शुरू की। उन्होंने अपने साथ कुरपेश शाह को भी जोड़ा। इतना पैसा तो था नहीं कि कहीं किराए पर कार्यालय लिया जा सके। इसलिए दोनों अपने-अपने घर से ही काम करने लगे। कहीं से काम मिल जाए, इसके लिए दोनों पूरे दिन अमदाबाद की सड़कें नापते। जल्दी ही घूमने का लाभ मिलना शुरू हुआ। कहीं कंप्यूटर से संबंधित काम मिलने लगा, तो कहीं वेबसाइट से जुड़ा। शुरू में दोनों खुद ही काम करते थे। काम बढ़ा तो एक कार्यालय और कुछ सहयोगियों की आवश्यकता महसूस होने लगी।
‘‘आज आईटी का क्षेत्र बहुत बड़ा हो गया है। इसे संभालने के लिए दुनियाभर में करीब 50,00,000 पेशेवर लोगों की आवश्यकता है, लेकिन इतने प्रशिक्षित लोग नहीं हैं। इसलिए हर युवा इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रयास कर सकता है। उसके लिए काम की कोई कमी नहीं है। यह क्षेत्र खुला आकाश है, जितना उड़ना चाहते हैं, उड़ सकते हैं।’’ -कौशिक पंड्या
1991 में पहली बार एक कार्यालय बनाया और कुछ अन्य आईटी विशेषज्ञों को नौकरी पर रखा। आज कंपनी में 15 लोग काम करते हैं। इन सबकी मेहनत से यह कंपनी आज सालाना लगभग 12 करोड़ रु. का कारोबार कर रही है। इसके ग्राहक भारत से बाहर अमेरिका और ब्रिटेन में भी हैं। ग्राहकों की संख्या 4,000 से अधिक है।
कंपनी आईटी से संबंधित हर समस्या का समाधान आनलाइन और आफलाइन, दोनों तरीके से करती है। 2014 से कंपनी साइबर सुरक्षा के लिए भी काम कर रही है। कोरोना काल में कुछ समय के लिए काम जरूर बाधित हुआ, लेकिन उसके बाद कंपनी के काम में बड़ी तेजी आई और यही गति अभी भी है।
कौशिक पंड्या मानते हैं कि जैसे-जैसे डिजिटलीकरण बढ़ेगा, वैसे-वैसे इस क्षेत्र में चुनौतियां भी बढ़ेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में ‘साइबर वार’ होने वाली है। दो देशों के बीच भी और दो प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के बीच भी। इसलिए हर देश और हर कंपनी को साइबर सुरक्षा की तैयारी करनी चाहिए।
युवाओं के लिए कौशिक पंड्या कहते हैं, ‘‘आज आईटी का क्षेत्र बहुत बड़ा हो गया है। इसे संभालने के लिए दुनियाभर में करीब 50,00,000 पेशेवर लोगों की आवश्यकता है, लेकिन इतने प्रशिक्षित लोग नहीं हैं। इसलिए हर युवा इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रयास कर सकता है। उसके लिए काम की कोई कमी नहीं है। यह क्षेत्र खुला आकाश है, जितना उड़ना चाहते हैं, उड़ सकते हैं।’’
कौशिक का कहना है, ‘‘यदि कोई युवा आईटी के क्षेत्र में भाग्य आजमाना चाहता है, तो वह उनसे संपर्क कर सकता है। उसे अच्छी सलाह और हरसंभव सहायता दी जाएगी।’’
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