नागालैंड और असम के पूर्व राज्यपाल पद्मनाभ बी. आचार्य का शुक्रवार को निधन हो गया। आचार्य ने शुक्रवार को अंधेरी के वर्सोवा स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। वह 92 वर्ष के थे। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पद्मनाभ बी. आचार्य के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत जी और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने शोक संदेश में कहा कि नागालैंड और असम के पूर्व राज्यपाल श्री पद्मनाभ बी. आचार्य का दुखद निधन, सार्वजनिक जीवन के एक उज्ज्वल अध्याय का अंत है। हम शोक संतप्त परिवार और श्री आचार्य के अनगिनत प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। श्री पद्मनाभ जी एक उत्साही स्वयंसेवक और गहन प्रतिबद्ध सार्वजनिक कार्यकर्ता थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कई नवीन गतिविधियाँ प्रारंभ कीं और मुंबई विश्वविद्यालय के सीनेट में सेवा की ।
श्री आचार्य जी ने शिक्षा, राष्ट्रीय एकात्मता, संस्कृति, सेवा और विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया। उन्होंने विशेषकर उत्तर पूर्वी क्षेत्र में राष्ट्रवादी उद्देश्य के लिए प्रमुख लोगों से व्यापक संपर्क बनाये। पूर्वोत्तर क्षेत्र- जनता , समाज, भूमि, संस्कृति और आर्थिक उन्नयन आदि सभी उन्हें बहुत प्रिय थे। उन्होंने उन सब की उन्नति के लिए अथक प्रयास किया।
राज्यपाल के रूप में उनकी भूमिका को लोग कृतज्ञतापूर्वक स्मरण करेंगे। हम उनकी स्मृति को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं।
केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि भाजपा नेता पद्मनाभ आचार्य के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। आचार्यजी जीवनभर विचारधारा और संगठन के प्रति समर्पित रहे। उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी गई, उसे निभाने में उन्होंने कभी कोई कसर नहीं छोडी। पूर्वोत्तर भारत में उनके काम को हमेशा याद किया जाएगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
संघ के स्वयंसेवक रहे
पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य का जन्म 8 अक्टूबर 1931 को हुआ था। वे दक्षिण भारत के उडुपी के संघ स्वयंसेवक के रूप में समाज सेवा शुरु की थी। उच्चविद्याविभूषित पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य को 1948 में गिरफ्तार किए गए थे। वे छह महीने तक जेल में रहे थे। वर्ष 1995 से 2001 तक पद्मनाभ नरेन्द्र मोदी के साथ भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रहे। नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य को वर्ष 2014 से 2019 तक नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया। अपने कार्यकाल के दौरान आचार्य ने पूर्वांचल के राज्यों को राष्ट्रीय धारा में लाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किया। पद्मनाभ ने भौगोलिक दूरी और वहां के अस्थिर वातावरण के कारण पूर्वांचल के नागरिकों के बीच की दूरी को पाटने के लिए यशवंतराव केलकर के साथ एसई आईएल (अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन) की शुरुआत की। आचार्य की इस अभिनव पहल के माध्यम से पूर्वाचल के छात्रों को देश के महानगरों में अलग-अलग परिवारों के साथ रहने की व्यवस्था की गई और छात्रों में एकता की भावना पैदा हुई।
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