रानीखेत। अल्मोड़ा जिला पुलिस ने भतरौंजखान के पास एक एंबुलेंस को शक के आधार पर नाके पर रोका, जिसमें 218 किलो गांजा मिला है। गांजा मैदानी शहरों में सप्लाई किया जाना था।
भतरौंजखान पुलिस द्वारा रात्रि में जांच के दौरान नाके पर हूटर बजाती आ रही एंबुलेंस MP17G3387 के चालक को रोक कर पूछा तो चालक ने बताया कि एंबुलेंस में मरीज है। इस पर पुलिसकर्मियों ने शीशे से झांक कर देखा तो अंदर अंधेरा था जबकि मरीज को लाइट में ले जाया जाता है। इस पर पुलिस ने चालक को लाइट जलाने को कहा तो उसने कहा लाइट खराब है। पुलिसकर्मियों ने अपनी टार्च से जैसे एंबुलेंस में रोशनी फेंकी, चालक के दूसरी तरफ बैठा युवक वाहन छोड़ कर भाग खड़ा हुआ। पुलिस कर्मियों ने तत्काल ड्राइवर को अपने कब्जे में कर लिया और जब एंबुलेंस की तलाशी ली तो उसमें 16 कट्टे में 218 किलो गांजा बरामद किया। पुलिस ने चालक रोशन लाल को हिरासत में ले लिया और फरार होने वाले युवक का नाम पूछा तो मालूम हुआ कि उसका नाम धर्मेंद्र है। बताया जाता है कि दोनों मिलकर इस गांजा को मैदानी नगरों में सप्लाई करने जा रहे थे।
अल्मोड़ा पुलिस अधीक्षक आरसी राजगुरु के मुताबिक पुलिस क्षेत्राधिकारी तिलक राज वर्मा इस मामले की जांच कर रहे हैं, क्योंकि जो सूचना प्रभारी निरीक्षक मदन जोशी द्वारा साझा की गई है उसके मुताबिक ये कोई बड़ा गिरोह है जो पहाड़ो में मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त है। उन्होंने कहा कि गांवों में चिकित्सा सेवा करने वाले एनजीओ की ये एंबुलेंस मध्य प्रदेश नंबर की है। इस मामले में बारीकी से जांच की जा रही है कि कहीं एनजीओ भी इस धंधे में लिप्त तो नहीं हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मादक पदार्थ अधिनियमों के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है।
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