पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर हैं। जांच एजेंसी ने उन्हें 9 नवंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है। हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं हो पाया कि जांच एजेंसी ने उन्हें किस मामले की जांच के लिए तलब किया है।
अभिषेक बनर्जी टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। इसके अलावा उन्हें स्कूल भर्ती घोटाले में भी ईडी ने पूछताछ के लिए 3अक्टूबर को तलब किया था, लेकिन वो उस दौरान जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। तब टीएमसी दिल्ली में सरकारी योजनाओं के भुगतान के मामले को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए दिल्ली में ही थे। अब एक बार फिर से उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया है।
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प्रवर्तन निदेशालय उन्हें कोयला घोटाला और पशु तस्करी के मामले में भी पूछताछ के लिए बुला चुका है। उल्लेखनीय है कि अभिषेक बनर्जी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। पश्चिम बंगाल में प्राइमरी स्कूल में नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लेने के मामले में भी वो आऱोपी हैं। इसको लेकर टीएमसी नेता को नोटिस भेजे गए थे, लेकिन वो पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए। भ्रष्टाचार के मामलों में अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी भी आरोपी हैं। उनसे भी ईडी की टीम पूछताछ कर चुकी है।
भ्रष्टाचार के मामलों में टीएमसी के कई नेता प्रवर्तन निदेशालय की रडार पर हैं। हाल ही में ममता सरकार के खाद्य मंत्री रथिन घोष को घोटाले के मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा भी लोकसभा वेबसाइट का एक्सेस बिजनेसमैन हीरानंदानी को देने के मामले में घिरी हुई हैं। वहीं अब तक अपने नेताओं के मामले में चुप्पी साधने वाली सीएम ममता बनर्जी भी अपने नेताओं के बचाव में कूद चुकी हैं। उनका आरोप है कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार अपने विरोधियों को साफ करने में लगी है।
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