वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ( एएसआई) के सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। सर्वे के दौरान एएसआई की टीम ने परिसर से साक्ष्यों को इकठ्ठा किया है। मूर्तियों, प्रतीक चिन्हों, दरवाजे के टुकड़े, आकृतियों को कोषागार के लॉकर में सुरक्षित रखवाया गया है। नब्बे दिनों से ज्यादा समय तक चले सर्वे के दौरान एएसआई टीम को ईंट, सजावटी सामग्री के अवशेष, जानवरों की आकृतियां, कलश जैसी कई वस्तुएं मिलने की बात कही जा रही है। इस मामले पर कोर्ट के निर्देश के बाद कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है।
कोषागार में सुरक्षित रखे साक्ष्यों को आवश्यकतानुसार जिला जज की अदालत में पेश किया जाएगा। कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी अपनी निगरानी में साक्ष्यों को कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे। सर्वे के दौरान परिसर में मिले साक्ष्यों की वीडियोग्राफी भी कराई गई है। एएसआई द्वारा सर्वे रिपोर्ट 17 नवंबर को जिला जज की अदालत में दाखिल होगी।
अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि साक्ष्यों को कोषागार में सुरक्षित रखने का मामला एएसआई और जिलाधिकारी से जुड़ा है। एएसआई अपनी सर्वे रिपोर्ट 17 नवंबर को जिला जज को सौंपेगी। सैकड़ों साक्ष्य सर्वे के दौरान मिले हैं। ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी प्रकरण काफी साक्ष्य मिलने की संभावना है। न्यायिक प्रक्रिया के बाद ही इस मुद्दे पर कुछ कहा जा सकता है।
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