देहरादून। ईस्ट कैनाल रोड स्थित काबुल हाउस संपत्ति को जिला प्रशासन ने खाली कराकर अपना कब्जा ले लिया। देर शाम नैनीताल हाई कोर्ट ने उन्हें एक माह में खाली करने की मोहलत दे दी, जिसके बाद जिला प्रशासन ने कब्जेदारों की चाबी उन्हें सौंप दी। हालांकि हाई कोर्ट ने उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं दी है और उनका मामला अपने यहां नहीं सुने जाने की बात स्पष्ट कर दी है।
काबुल हाउस, अफगानिस्तान राजा की संपत्ति है जोकि हिंदुस्तान छोड़ कर चले गए थे और यहां उनके तथाकथित वारिस हो गए और उन्होंने सहारनपुर कमिश्नरी में फर्जी दस्तावेज बना कर उक्त संपत्ति को खुर्दबुर्द करना शुरू कर दिया था। यह मामला जिला अदालतों ,हाईकोर्ट में पिछले चालीस सालों से चलता रहा।
दो हफ्ते पहले डीएम सोनिका की अदालत ने इस संपत्ति को कब्जेदारी से मुक्त करने के आदेश जारी करने और उक्त शत्रु संपत्ति को सरकार की संपत्ति में शामिल करने का फैसला सुनाया। इसके तहत दो दिन पूर्व रात्रि में मुनादी करा कर चौबीस घंटे में कब्जा छोड़ने के लिए कहा गया। दिन भर जिला प्रशासन के अधिकारी नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह के नेतृत्व में अवैध कब्जे मुक्त कराकर सरकार का बोर्ड लगाते रहे। प्रशासन ने कब्जा लेने के बाद क्षेत्र को सील कर दिया और लोगो ने अपना सामान समेटना भी शुरू कर दिया। देर शाम हाई कोर्ट से जिला प्रशासन को ये निर्देश मिला कि कब्जेदारों को एक माह की मोहलत दी जाती है कि वो अपना प्रबंध कर लें। इसके बाद प्रशासन ने मकानों की चाबियां उन्हें लौटा दीं।
नगर मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह ने बताया कि हाई कोर्ट ने सिर्फ एक माह की मोहलत दी है उनकी सुनवाई वहां नहीं हुई है। अब कब्जेदारों को तय करना है कि वे यहीं एक माह तक रहेंगे या फिर कब्जा छोड़ देंगे, क्योंकि एक माह की मोहलत पूरा होते ही हम पुनः कब्जा लेने आयेंगे। काबुल हाउस करीब पांच सौ करोड़ की संपत्ति है जिसका मालिकाना हक केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है। देहरादून में ऐसी तीस से अधिक संपत्तियों को कब्जा मुक्त करवाया जाना है, नैनीताल में मेट्रो पॉल होटल की शत्रु संपत्ति भी जिला प्रशासन ने खाली करवा ली है।
एफआईआर भी होगी दर्ज
काबुल हाउस शत्रु संपत्ति मामले में डीएम ने एसएसपी को पत्र लिखकर एफआईआर दर्ज करने को कहा है। सहारनपुर निवासी राशिद रज्जाक पर अपने आपको अब्दुल रज्जाक का फर्जी वारिस बताते हुए उक्त भू संपत्ति का सौदा भगवती प्रसाद उनियाल आदि से करने और रजिस्ट्रियां करने का आरोप है, डीएम ने इन रजिस्ट्रियों को निरस्त कर दिया है। डीएम ने एसएसपी को रिपोर्ट दर्ज कर अलग से कानूनी कारवाई करने को कहा है। माना जा रहा है कि इस मामले में देहरादून एसएसपी द्वारा शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारियां कराई जाएंगी।
टिप्पणियाँ