हमास द्वारा इजरायल के आम नागरिकों की जघन्य हत्या के विरोध में जहां एक ओर भारत सरकार एवं आम नागरिकों का पक्ष आरम्भ से स्पष्ट रहा है तो वहीं हरियाणा के सोनीपत में ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में 1 नवम्बर 2023 को कुछ ऐसा हुआ है जो हैरान करने वाला है। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में 1 नवम्बर को हमास के पक्ष में एक आयोजन किया गया।
हालांकि इस आयोजन का नाम था टीच-इन-लेसन ऑन हिस्ट्री एंड पॉलिटिक्स ऑफ द फिलिस्तीन स्टेट और इसमें बात रखने के लिए मुख्य वक्ता थे अचिन वनायक, परन्तु जो वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं, उनमें फिलिस्तीन कम और हमास के प्रति किया गया समर्थन अधिक है।
इस आयोजन में कई प्रकार के विषय उठाए गए, जिनमें हिन्दू संकृति, हिंदुत्व, आरएसएस, भारतीय जनता पार्टी और भारतीय सेना को निशाना बनाया गया और यह भी दिशा तय कर दी गयी कि आखिर वहां पढ़ रहे विद्यार्थियों को कौन सी राजनीतिक दिशा की ओर जाना है। एक वीडियो में वक्ता को पुलवामा पर हुए हमलों का प्रतिशोध लेने को भी निशाना बनाते हुए देखा जा रहा है। वक्ता शायद इजरायल का उल्लेख करते हुए यह कह रहे हैं कि “उनका कहना है कि हमारे सैनिकों को मारना आतंकवाद है, मगर उनके सैनिकों को मारना आतंकवाद नहीं है।’ उसके बाद वक्ता भारत में हुए पुलवामा हमले की बात करते हैं और कहते हैं कि ‘तो जब आप पुलवामा का हमला देखते हैं और इधर के सैनिक मारे जाते हैं तो वह आतंकवाद है, मगर जब आप उधर जाते हैं और वहां के सैनिक और लोगों को मारते हैं तो वह आतंकवाद नहीं है! तो ऐसा डिस्कोर्स है”
Must Read:
How Education System & Institutions are MISUSED to spread divisive agenda & corrupt young minds….is something we all are aware of.
Now latest Example–
1st Nov 2023 : OP Jindal Global University
OP Jindal Global University today organised an event in support of… pic.twitter.com/P69rzJGkJD
— BhikuMhatre (@MumbaichaDon) November 1, 2023
इसी वीडियो में वह आत्मघाती हमलावरों को क्लीन चिट देते हुए कह रहे हैं कि सुसाइड बॉम्बिंग ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारना नहीं बल्कि खुद को मारना चाहता है। जो वीडियो सामने आए हैं वह हैरान करने वाले हैं। क्योंकि वक्ता को पुलवामा पर हुए हमले का दुःख और आक्रोश नहीं है बल्कि वह कहीं न कहीं अपने कुतर्कों से यह साबित कर रहे हैं कि भारत में पुलवामा में जो निर्दोष सैनिक आतंकियों का शिकार हुए थे, उनका बदला लेना आतंकवाद है! यह कैसी सोच बच्चों में कथित पढ़ाई के माध्यम से प्रवाहित किए जाने का कुप्रयास किया जा रहा है?
जिस प्रकार से अमेरिका में उच्च शिक्षा में हमास का समर्थन किया जा रहा था, उससे वहां का नैतिक खोखलापन दिखाई दे रहा था और विश्व के कॉलमिस्ट इस बात को लगातार लिख भी रहे हैं कि अमेरिका की यूनिवर्सिटी और कॉलेज में हमास के हमलों के लगातार समर्थन से अमेरिकी उच्च शिक्षा का खोखलापन सामने आ रहा है। और प्रश्न इस बात पर भी उठ रहे हैं कि आखिर यहूदियों के लिए एक विषाक्त वातावरण शिक्षण संस्थानों में क्यों बनाया जा रहा है?
जिस प्रकार आज ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में यह आयोजन हुआ है, उससे भारत में रहने वाले उन हिन्दुओं के विरुद्ध उसी घृणा को फैलाने का कार्य कहीं न कहीं किया गया है, जो अमेरिका के कॉलेज और यूनिवर्सिटी परिसरों में यहूदियों के खिलाफ बहुत ही संगठित तरीके से विमर्श में अर्थात डिस्कोर्स में फैलाई जा रही है। इसमें वक्ता को यह कहते हुए भी सुना जा रहा है कि ज़िओनिज़्म मूलत: इस्लाम विरोधी नहीं बल्कि फिलिस्तीन विरोधी है और जब हम वर्तमान में इस्लामोफोबिया की बात करते हैं तो हिंदुत्व मूलत: और अनिवार्य रूप से मुस्लिम विरोधी है।
So now #Jindal University organises a lecture where this gent openly runs down Hinduism under the garb of Hindutva
Some other such episodes too in the past
Is OP Jindal another JNU in the making ?@EduMinOfIndia @dpradhanbjp pic.twitter.com/WwS2HE4mHP
— Parag Amalnerkar (@IndiaUnfolding) November 1, 2023
वहीं यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर समीना दीवान की भी हिन्दू पहचान वाले विद्यार्थियों के प्रति आलोचना सामने आई है जहां पर उन्हें इस बात से परेशानी है कि आखिर भारत ने इजरायल को समर्थन क्यों दिया? उन्हें इस बात का भी मलाल और दुःख है कि कॉलेज के परिसरों में “जय श्री राम” के नारे क्यों लगते हैं।
OP Jindal Global University today organised an event in support of terrorist organisation Hamas.
During this event, concerns were raised regarding the potential targeting of Hindu Culture, Hinduism, Hindutva, RSS and BJP which reportedly caused discomfort among some students… pic.twitter.com/Y3oCoOcP6Y
— Organiser Weekly (@eOrganiser) November 1, 2023
दुर्भाग्य है कि जिस स्थान का उद्देश्य विद्यार्थियों को नैतिक रूप से समृद्ध करने का होता है, वही स्थान विद्यार्थियों के मन में एक वर्ग विशेष के प्रति, देश द्वारा आत्मरक्षा में उठाए गए क़दमों के प्रति विद्वेष का विमर्श तैयार कर रहा है।
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