वाराणसी। अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले विश्व रिकार्ड बनेगा। हर गांव और मोहल्ले से अयोध्या आने का निमंत्रण दिया जाएगा। प्राण-प्रतिष्ठा की तिथि 22 जनवरी, 2024 है और इससे पहले विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में 1 से 15 जनवरी तक व्यापक जन सम्पर्क अभियान चलाया जायेगा। यह अब-तक का सबसे बड़ा जनसम्पर्क अभियान होगा।
इस अभियान के जरिये पूजित अक्षत लेकर कार्यकर्ता हर गांव-मोहल्ले एवं बस्तियों में संपर्क कर सभी को अयोध्या पहुंचने का औपचारिक निमंत्रण देंगे। सूत्र बताते हैं कि इस अभियान के जरिये पांच लाख गांवों तक करीब 75 करोड़ हिन्दूओं एवं विभिन्न पंथ एवं सम्प्रदायों तक संघ परिवार एवं समाज के लोग अयोध्या आने का निमंत्रण देंगे।
अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। 22 जनवरी को अयोध्या में संपन्न होने वाले ऐतिहासिक प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के संबंध में विस्तृत कार्य-योजना भी तैयार की गई है। विचार परिवार के 40 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों को तैयारियों को लेकर जिम्मेदारी सौंपी गई है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री एवं विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय जी ने कोईराजपुर शिवपुर स्थित एक विद्यालय परिसर में बीते रविवार को मैराथन बैठक कर रणनीति तैयार की। पदाधिकारियों को चंपत राय जी ने महाअभियान की चरणबद्ध ढंग से विस्तृत जानकारी दी।
4 नवम्बर को देशभर से 200 कार्यकर्ता पहुंचेंगे अयोध्या
बैठक में तय योजना के अनुसार 4 नवंबर, 2023 को देशभर से सभी प्रान्तों के दो-दो अर्थात कुल 200 कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचेंगे। पांच नवम्बर को वहां से अक्षत भरे पीतल के कलश लेकर उसे पहुंचाएंगे। यह अक्षत न्यास की ओर से आमंत्रण का प्रतीक होगा। 05 नवंबर से दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक कार्यकर्ता देशभर के सभी मंदिरों में अक्षत पहुंचायेंगे। 01 से 15 जनवरी 2024 तक पूजित अक्षत लेकर कार्यकर्ता हर गांव मोहल्ले एवं बस्तियों में संपर्क कर सभी को अयोध्या पहुंचने का औपचारिक निमंत्रण देंगे।
प्राण-प्रतिष्ठा के दिन पांच करोड़ घरों में जलेंगे दीपक
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय जी ने बताया कि प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को कार्यकर्ता अपने-अपने गांव-मोहल्ले के मंदिरों में इकट्ठे होंगे। वहां भजन कीर्तन के कार्यक्रम चलेंगे तथा सायंकाल अपने द्वार पर दीप जलाएंगे। उन्होंने बताया कि 5 करोड़ घरों में इस दिन दीपक जलाए जाएंगे।
प्रधानमंत्री और सरसंघचालक जी भी रहेंगे मौजूद
22 जनवरी को अयोध्या में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के 140 संप्रदायों के साधु संत, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी,आरएसएस के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, अयोध्या आंदोलन में बलिदानियों के परिजन और अन्य विशिष्ट नागरिक उपस्थित होंगे।
चंपत राय जी की अपील
चंपत राय जी ने बताया कि 8000 लोगों की सीमित क्षमता होने के कारण कार्यकर्ताओं से 22 जनवरी को अयोध्या न आकर अपने-अपने क्षेत्र में कार्यक्रमों में जुटने का निर्देश दिया गया है। कार्यकर्ताओं को अलग-अलग तिथियों में उनके प्रांत के अनुसार अयोध्या पहुंचने का निमंत्रण दिया। अयोध्या पहुंचने वाले कार्यकर्ताओं के रुकने तथा भोजन की समुचित व्यवस्था का भी आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि 25000 कार्यकर्ताओं के प्रतिदिन अयोध्या में रुकने एवं भोजन की व्यवस्था की जा रही है। काशी प्रांत के कार्यकर्ता 30 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे। अलग-अलग प्रांतों के लिए अलग-अलग तिथियां होंगी। 45 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में 50 लाख लोगों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था अयोध्या में उपलब्ध कराई जाएगी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत प्रचारक रमेश ने आग्रह किया कि संगठन की रीति नीति के अनुसार और सभी कार्यकर्ता अपने-अपने स्थान पर सौंपे गये दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वाह करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र के मंदिरों की सूची बनाएं। प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन मंदिरों में भजन-कीर्तन के कार्यक्रम संचालित करें। 1 से 15 जनवरी तक अब तक का सबसे बड़ा महासंपर्क अभियान चलेगा। इसमें पूरी भागीदारी निभायें। एक भी हिंदू घर छूटने न पाए इसका ध्यान रखें। 15 दिसंबर से पहले खंडों की समन्वय बैठकें हो जाए। टोलियों का गठन कर लें। गठित टोलियां ही परिवारों से संपर्क करेंगी। विचार परिवार की बैठक जिला स्तर पर करने के लिए अभी से तिथि तय करने का उन्होंने निर्देश दिया।
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