उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ की टीम ने उधम सिंह नगर में यूपी बॉर्डर पर सितारगंज के थारू गौरीखेड़ा गांव के एक मकान पर छापा मारकर नकली हर्बल दवा बनाने की फैक्ट्री को सील कर दिया है।
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि नकली हर्बल दवाओं के कैप्सूल यहां बनाए जाते थे, जिनकी ऑनलाइन बिक्री की जाती थी। ये नकली दवाएं युवाओं में ताकत बढ़ाने के नाम पर यूट्यूब चैनल के जरिए बेची जा रही थीं। पुलिस ने मौके से मुर्गी दाना कटे में बंद चूरन जैसी भूसी बरामंद की है जिसका परीक्षण कराया जा रहा है। इन नकली हर्बल दवाओं को बनाने वाले सलमान और फैजान जोकि मूल रूप से पीलीभीत जिले के निवासी हैं , को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से हजारों की संख्या में प्लास्टिक कैप्सूल और अन्य सामग्री जब्त की गई है। मकान को सील कर दिया गया है। ये मकान यूपी उत्तराखंड के बॉर्डर पर है, जिसे आरोपियों ने किराए पर लिया था।
हरिद्वार में भी पिछले हफ्ते पकड़ी थी नकली दवाएं
कुछ दिन पहले देहरादून पुलिस ने छापा मार कर जैगसनपाल फार्मा कंपनी की नकली दवाएं बनाने वाली एक फैक्ट्री को सील किया था। एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक इस मामले में आरोपी सचिन शर्मा और विकास कुमार को गिरफ्तार किया गया। इस मामले की शिकायत जैगसनपॉल कंपनी की लीगल टीम द्वारा की गई थी। आरोपियों द्वारा हरिद्वार जिले में झावरेड़ा क्षेत्र में नकली दवा की फैक्ट्री लगाई हुई थी। मौके पर 29 लाख कैप्सूल, दवा बनाने के उपकरण कच्चा माल बरामद किया गया और आरोपियों के 23 बैंक खातों का पता चला है जिनमें से दो को पुलिस टीम ने सीज कर दिया है। आरोपियों द्वारा पिछले एक साल में अकूत संपत्ति खड़ी कर ली गई, जिनकी जांच भी की जा रही थी। पिछले तीन साल में उत्तराखंड में गैरकानूनी तरीके से दवाएं बनाने वाली एक दर्जन से अधिक फैक्ट्रियों को एसटीएफ और पुलिस टीमों ने सीज किया है। जिसमें अभी तक करीब तीस करोड़ रुपये की दवाएं जब्त की हैं।
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