नई दिल्ली। पैसे के बदले प्रश्न मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद की आचार समिति के समक्ष 31 अक्टूबर को पेश होने में असमर्थता जताई है। उन्होंने व्यस्तता का हवाला देते हुए कहा कि वह 5 नवंबर के बाद किसी भी तारीख को समिति के समक्ष पेश हो सकती हैं।
महुआ ने आचार समिति की ओर से भेजे गए समन के जवाब में पत्र लिखा है, जिसे उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल से भी साझा किया है। महुआ का कहना है कि आचार समिति को न्याय की दृष्टि से पहले सांसद निशिकांत दुबे और वकील की शिकायत पर उन्हें सुनना चाहिए था।
सांसद ने पेश होने में असमर्थता की बात कहते हुए पत्र में इस बात का जिक्र किया है कि सांसद रमेश बिधूड़ी भी चुनावी व्यवस्थताओं का हवाला देते हुए समिति के समक्ष पेश नहीं हो रहे हैं। ऐसे में उन्हें भी समय दिया जाना चाहिए। उनके यहां दुर्गा पूजा एक बड़ा त्योहार है। वे अपने क्षेत्र में इसके चलते व्यस्त है। वे इस दौरान दिल्ली में भी नहीं है।
महुआ ने समिति के अध्यक्ष के मीडिया को दिए बयान पर सवाल उठाया है और कहा है कि उन्हें आधिकारिक जानकारी देने से पहले मीडिया में बयान दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी शिकायतें और स्वत: संज्ञान संबंधी हलफनामे भी मीडिया को जारी किए गए।
महुआ मोइत्रा ने मांग की कि हीरानंदानी को भी समिति के समक्ष पेश होना चाहिए। साथ ही उन्हें बिजनेसमैन को क्रास एक्जामिन करने का भी अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने उनके खिलाफ समिति को भेजे पत्र में और टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में गंभीर आरोप लगाए हैं। इन आरोपों में तथ्य नहीं है। उन्होंने उपहार लिये हैं तो उसका ब्यौरा भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित कैंपन चलाया जा रहा है। ऐसे में उन्हें अपने आपका बचाव करने का पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए। वे विपक्ष की नेता के नाते कार्पोरेट स्कैम और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर मुखर होकर अपनी बात रखती हैं।
लोकसभा की आचार समिति की गुरुवार को बैठक हुई। बैठक में तृणमूल कांग्रेस महुआ मोइत्रा को 31 अक्टूबर को ‘पैसे के बदले प्रश्न’ मामले में उसके समक्ष प्रस्तुत होने के लिए कहा गया है। समिति ने गृह मंत्रालय और आईटी मंत्रालय से जांच में सहयोग मांगा है। समिति ने कल मामले में वकील जय अनंत देहाद्राई और भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बयान दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक संसद की आचार समिति इस बात से सहमत है कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं और समिति उन पर गंभीरता से विचार करेगी।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर प्रश्न पूछने का आरोप लगाया था। उन्होंने इन आरोपों पर जांच समिति से जांच कराने की मांग की थी। दुबे के आरोप पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मामले को संसद की आचार समिति को भेज दिया।
निशिकांत दुबे का आरोप था कि लोकसभा सदस्य महुआ ने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से प्रश्न पूछे जाने के एवज में रिश्वत और उपहार लिये हैं। इन आरोपों का बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी ने भी स्वीकार किया है।
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