पंजाब में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के एक विधायक के निजी स्वामित्व वाले प्रोजेक्ट में अनियमितताओं का आरोप है। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस पर संज्ञान लेने को कहा है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मोहाली से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक कुलवंत सिंह के स्वामित्व वाली रियल एस्टेट कंपनी के दो प्रोजेक्टों पर पर्यावरण मानदंडों का उल्लंघन करने पर सवाल उठाया है। मंत्रालय यह मामला राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के ध्यान में लेकर आया है। वहीं, राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि नागरिक प्रशासन, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्टेट लेवल एनवायरमेंट इंपैक्ट असेस्मेंट अथॉरिटी (एसईआईएए) को नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया जाए। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से कार्रवाई रिपोर्ट भी भेजने को कहा है।
ये दोनों प्रोजेक्ट जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड की ओर से बनाए जा रहे हैं, जिनका स्वामित्व मोहाली से सत्तारूढ़ आप विधायक कुलवंत सिंह के पास है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में जानकारी दी कि मोहाली के सेक्टर 82-83 में जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड के प्रोजेक्ट सुपर मेगा मिक्स्ड यूज इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क और सेक्टर-66ए में गैलेक्सी हाइट्स के निर्माण में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन हुआ है। इस संबंध में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उन्हें सूचित किया है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र के साथ राज्यपाल ने केंद्रीय मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार से पूर्व में लिए स्पष्टीकरण को साझा करते हुए कहा कि प्रोजेक्ट में 16 दिसंबर, 2015 (पर्यावरण मंजूरी की तिथि) से 10 जनवरी 2017 (ईएसजेड सीमा अधिसूचना) तक उल्लंघन हुआ है, इसलिए पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत इस मामले में संज्ञान लिया जाना आवश्यक है।
ये दोनों प्रोजेक्ट सुखना वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी से 13.06 किलोमीटर और सिटी बर्ड सेंक्चुरी की सीमा से 8.40 किलोमीटर की दूरी पर हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से ‘गोवा फाउंडेशन बनाम भारत सरकार व अन्य’ के केस में 4 दिसंबर, 2006 को दिए आदेश में और केंद्रीय मंत्रालय की ओर से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी आवश्यक है। उपरोक्त मामले में जनता लैंड प्रमोटर्स लिमिटेड ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश और केंद्रीय मंत्रालय के दिशानिर्देश अनुसार स्टैंडिंग कमेटी ऑफ द नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ (एससीएनबीडब्ल्यूएल) से आवश्यक मंजूरी प्राप्त किए बिना ही सुपर मेगा मिक्स्ड यूज इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल पार्क का निर्माण शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत मामले का संज्ञान लिया जाना आवश्यक है।
उधर, विधायक कुलवंत सिंह का कहना है कि केंद्र सरकार और राज्यपाल की ओर से जारी पत्र की मुझे जानकारी नहीं है। सारे प्रोजेक्ट नियमों के अनुसार हैं। सरकार की ओर से जो भी दस्तावेज मांगे जाएंगे, वे उपलब्ध करवाएंगे।
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