वाशिंगटन, डीसी। इजरायल-हमास युद्ध के बीच अमेरिका ने सीरिया में एयर स्ट्राइक की है। उसने सीरिया में ईरान समर्थित आतंकी अड्डों को तबाह किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के निर्देश पर अमेरिकी सैन्य बलों ने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और उससे जुड़े समूहों के दो ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। अमेरिका का कहना है कि ये कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि 17 अक्टूबर से इराक और सीरिया में अमेरिकी ठिकानों पर अमेरिका के नागिरकों को निशाना बनाया जा रहा है। अमेरिकी ठिकानों पर ड्रोन से भी हमले किए गए। इन हमलों में एक अमेरिकी नागरिक की मृत्यु हुई थी और 21 अमेरिकी नागरिकों को मामूली चोटें आई थीं।
अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन के लिए अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा से बढ़कर कोई प्राथमिकता नहीं है। ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका ऐसे हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी, अपने कर्मियों और अपने हितों की रक्षा करेगा।
उन्होंने कहा कि अमेरिका संघर्ष नहीं चाहता है और न ही शत्रुता रखने का कोई इरादा , लेकिन अमेरिकी सेना के खिलाफ ये ईरानी समर्थित हमले अस्वीकार्य हैं और इन्हें रोका जाना चाहिए। ईरान इन हमलों में अपनी भूमिका से इनकार करना चाहता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अमेरिकी सेनाओं के खिलाफ ईरान के प्रतिनिधियों द्वारा हमले जारी रहे, तो हम अपने लोगों की सुरक्षा के लिए और आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करेंगे। एयरस्ट्राइक आत्मरक्षा में की गई है।
इजरायल-हमास युद्ध के बाद अमेरिकी नागिरकों पर हमले बढ़े
अल जज़ीरा के अनुसार, इज़राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से क्षेत्र में अमेरिकी सेना पर हमले बढ़ गए हैं। जो बाइडेन ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिकों को निशाना बनाने के खिलाफ ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधे चेतावनी दी है। अयातुल्ला को चेतावनी दी थी कि अगर हमले नहीं रुके तो हम जवाब देंगे, और उन्हें तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका इज़रायल से “कोई लेना-देना नहीं” है। वाशिंगटन और तेहरान के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं। गौरतलब है कि 17 अक्टूबर के बाद से इराक में अमेरिकी ठिकानों 12 और सीरिया में 4 हमले हुए उन दो हमलों में 21 अमेरिकी कर्मी घायल हो गए।
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