इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच हो रहे युद्ध के मध्य अब हमास ने लोगों को रिहा करना शुरु कर दिया है। पहले दो अमेरिकी नागरिकों और अब दो वृद्ध इजरायली महिलाओं को आतंकी संगठन ने रिहा कर दिया है। इसे इजरायल का डर ही कहा जाएगा, क्योंकि समय के साथ इजरायल गाजा में आतंकियों पर अपने हमलों को तेज करता जा रहा है। यही वजह है कि अब आतंकियों ने मानवीय कारण बताते हुए दो इजरायली महिलाओं को रिहा कर दिया है।
हमास ने दोनों वृद्ध इजरायली महिलाओं की रिहाई के पीछे हमास ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है। बहरहाल, दो बंधकों की रिहाई के बाद इजरायल ने मिस्र और रेड क्रॉस सोसायटी को धन्यवाद कहा है। रिहा की गई महिलाओं में 79 वर्षीय नुरिट कूपर और 85 वर्षीय योचेवेद लिफशिट्ज हैं। हालांकि, इन महिलाओं के पति अभी भी आतंकी संगठन के कब्जे में हैं। अभी हमास के कब्जे में इजरायल के कुल 220 लोग बताए जा रहे हैं। सोमवार की देर रात हमास के आतंकियों ने दोनों महिलाओं को मिस्र पहुंचाया गया, जहां से उन्हें राफा क्रॉसिंग के जरिए इजरायली सेना को सौंप दिया गया।
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फिलहाल इन महिलाओं को स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बंधकों की रिहाई के बाद रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय कमेटी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बंधकों की रिहाई का क्रेडिट लिया और कहा कि उसने बंधकों की रिहाई में मदद की है।
हमास ने कतर और मिस्र को दिया क्रेडिट
गौरतलब है कि इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए हमास आतंकी संगठन की सैन्य शाखा इज्ज-अद दीन अल कसम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबेदा ने बंधकों की रिहाई के लिए कतर और मिस्र को क्रेडिट दिया है। हमास का कहना है कि इन दोनों देशों की मध्यस्थता के कारण उसने मानवीय कारण से दोनों महिलाओं को रिहा कर दिया है। वहीं इस पर इजरायल ने दो टूक कहा है कि वो हमास के दुष्प्रचार पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहता है। इस बीच इजरायल ने अपने हमलों को और तेज कर दिया है। बताया जाता है कि 24 घंटे के अदर इजरायल की बमबारी में 436 लोगों की मौत गाजा में हुई है।
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