गाजा पर जवाबी कार्रवाई के तहत इस्राएल द्वारा जबरदस्त बमबारी की जा रही है। इस्लामी देशों को ईरान ने खुला आह्वान किया है कि गाजा के पाले में आ जुटें। हिज्बुल्ला के इस युद्ध में हमास के साथ आ खड़े होकर युद्ध को और भीषण बनाने के कयास भी लगाए जा रहे हैं। इस सबके बीच, इस्राएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह आरोप लगाकर सैन्य विशेषज्ञों में एक नई बहस छेड़ दी है कि ईरान सीरिया में भारी तादाद में हथियारों का जखीरा तैनात कर रहा है। इससे पूरी संभावना है कि वह इस्राएल के विरुद्ध दूसरा मोर्चा खोलने की फिराक में है।
हमास के इस्राएल पर गत 7 अक्तूबर को किए अमानवीय और औचक हमलों के बाद इस्राएल ने उसे ‘सबक’ के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इस्राएल के प्रधानमंत्री नेत्यनाहू ने घोषणा की है कि हमास का नामोनिशान मिटा कर दम लेंगे। इधर साफ है कि मुस्लिम लोग मजहब के नाम पर गाजा और हमास के पाले में लामबंद हो रहे हैं। इतना ही नहीं, उनके कथित उकसावे पर यूरोप के कई देशों में फिलिस्तीन के झंडे लेकर मजहबी उन्मादी गुट हमास की अमानवीयता के प्रति जलूस निकालकर समर्थन व्यक्त कर रहे हैं।
इधर अमेरिका ने अपने दो जंगी बेड़े सागर में उतारकर इस्राएल को सैन्य संबल दिया है। इन बेड़ों को वह निरोधक बता रहा है। लेकिन जानकारों का कहना है कि यह कसरत ईरान को उसकी हद में रखने की गरज से की गई है। मकसद यही है कि अगर ईरान कोई ऐसी—वैसी हरकत करने की कोशिश करता है तो उस वहीं के वहीं सबक सिखा दिया जाए।
ईरान ने फिर से इस्राएल को धमकी दी है कि अगर इस्राएल फौरन गाजा पर हमले बंद नहीं करता, तो हालात बेकाबू हो जाएंगे जिसके नतीजे दूर तक असर कर सकते हैं। तेहरान से यह भी कहा गया है कि ऐसे हालात न पैदा हों यह देखना संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद तथा उन देशों का काम है जो इस तनाव को एक गतिरोध जैसा बना देना चाहते हैं।
दुनिया के लगभग सभी अमनपसंद सभ्य देशों ने हमास की बर्बरता की भर्त्सना की है और इस्राएल के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है। उधर वेटिकन से पोप फ्रांसिस ने भी ‘मानवाधिकारों का सम्मान’ करने का आह्वान किया है। लेकिन इस सबके चलते भी जंग के धीमा पड़ने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इस्राएली अधिकारी के दावे का संकेत भी यही है कि ईरान युद्ध में सीरिया के रास्ते उतरकर इसे और भड़काने की फिराक में है। लेकिन हमास ने जिस बर्बरतापूर्वक इस्राएल के विभिन्न शहरों पर औचक हमला बोला था उसने पूरी दुनिया को हैरत में डाल दिया था। स्वाभाविक ही, इस्राएल इस हमले के पीछे ईरान को कठघरे में खड़ा कर रहा है। ऐसे में इस्राएल के वरिष्ठ अधिकारी का उक्त दावा एक खतरनाक नजारा प्रस्तुत कर रहा है।
इस्राएली विदेश विभाग के वरिष्ठ रणनीतिकार जर्का ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की है जिसमें उसने लिखा है, “इस्राएल के लोग फिर से इस तरह की हरकतें न होने देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” ध्यान रहे कि 7 अक्तूबर को इस्लामी आतंकवादी संगठन हमास ने गाजा से अचानक इस्राएल पर हजारों रॉकेट दाग कर बड़ी संख्या में नागरिकों को मार डाला था। इतना ही नहीं, बाड़ काटकर बड़ी तादाद में मोटरसाइकिलों से घुसपैठ करके जिहादी लड़ाकों ने इस्राएल के नागरिकों को सड़कों और घरों में ही मौत के घाट उतारा था।
कल ईरान ने फिर से इस्राएल को धमकी दी है कि अगर इस्राएल फौरन गाजा पर हमले बंद नहीं करता, तो हालात बेकाबू हो जाएंगे जिसके नतीजे दूर तक असर कर सकते हैं। तेहरान से यह भी कहा गया है कि ऐसे हालात न पैदा हों यह देखना संयुक्त राष्ट्र, सुरक्षा परिषद तथा उन देशों का काम है जो इस तनाव को एक गतिरोध जैसा बना देना चाहते हैं।
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