बरेली। यूपी के बरेली में छेड़छाड़ के विरोध पर ट्रेन के आगे फेंकी गई छात्रा की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। उसे तीसरे दिन होश जरूर आया मगर वह कुछ बोल नहीं सकी। ड्रेसिंग को वेंटिलेटर से हटाते ही उसकी तबीयत फिर बिगड़ गई। मेडिकल कॉलेज में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसके इलाज में जुटी हैं। पुलिस ने घटना में शामिल शोहदे और उसके पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। क्राइम ब्रांच के साथ एसओजी छानबीन में जुटी है।
बरेली में सीबीगंज इलाके की रहने वाली छात्रा मंगलवार को लहूलुहान हालत में रेलवे ट्रैक पर पड़ी मिली थी। ट्रेन की चपेट में आने से उसके दोनों पैर व एक हाथ कट गए थे। परिवार ने गांव के ही एक आवारा प्रवृत्ति के युवक पर बेटी को छेड़छाड़ के विरोध पर ट्रेन के आगे फेंक देने के आरोप लगाए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्र के साथ हुई घटना पर संज्ञान लेते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश बरेली प्रशासन को जारी किए गए थे। जिसके बाद पूरा अमला हरकत में आ गया था।
डीएम रविन्द्र कुमार और एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने लापरवाही सामने आने पर इंस्पेक्टर सीबीगंज, हलका इंचार्ज सहित तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। छात्र को बेहतर इलाज के लिए बरेली के एक मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां उसका उपचार चल रहा है। पुलिस ने घटना में शामिल बताए जा रहे आरोपी विजय व उसके पिता के खिलाफ केस दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार, छात्रा की हालत में आंशिक सुधार देखा जा रहा है। उसे होश आया मगर कुछ बोलने में असमर्थ रही। ड्रेसिंग के लिए वेंटिलेटर से हटाते ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, तो उसे फिर वेंटिलेटर ले लिया गया है।
छात्रा के परिवार ने डीएम से मिलकर बेटी के भविष्य को लेकर चिंता जताई और आर्थिक सहायता के साथ उसे सरकारी नौकरी दिलाए जाने की मांग की है। डीएम ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है। वहीं, इंस्पेक्टर क्राइम के साथ एसओजी तेजी से घटना की पड़ताल में जुटी हैं। गांव के अलावा कोचिंग जाकर भी घटना के सम्बंध में जानकारी जुटाई गई है। एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान का कहना है कि पुलिस को छात्र के होश में आने का इंतजार है, ताकि उसके बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
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