आतंकवादी संगठन हमास की तरफदारी कांग्रेस का असली चरित्र और चेहरा: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

आतंकवादी संगठन हमास की तरफदारी कांग्रेस का असली चरित्र और चेहरा: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

by WEB DESK
Oct 14, 2023, 09:52 am IST
in भारत
हमास के आतंकवादी

हमास के आतंकवादी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हमास, हिज़बुल्लाह, लश्कर, अलकायदा, बोकोहराम, हिजबुल, ISIS और PFI जैसे संगठन हैं मानवता के दुश्मन, नकेल जरूरी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर भी मंच का निशाना।

 

नई दिल्ली, 12 अक्तूबर। राष्ट्रवादी मुस्लिम संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने हमास, हिजबुल्लाह, लश्कर, अलकायदा, बोकोहराम, हिजबुल, ISIS और PFI जैसे संगठनों और उनके द्वारा फैलाए गई हिंसा और आतंकवाद के मकड़जाल की कड़ी निंदा की है। साथ ही हमास की पैरोकार.. देश की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को भी मंच ने कटघरे में खड़ा किया है। मंच का सीधे तौर पर मानना है कि ऐसी कोई लड़ाई, असहमति या विवाद नहीं जो वार्ता के जरिए हल नहीं की जा सकती हो। परंतु चिंतनीय एवं निंदनीय यह है कि हमास की खौफनाक आतंकी घटना ने इंसानियत को तार—तार करते हुए दरिंदगी की इंतहा कर दी है जिसकी जितनी भी आलोचना की जाए कम है।

नरसंहार एवं वीभत्सता का नाच

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि नई दिल्ली के झंडेवालान में स्थित कार्यालय कलाम भवन में 12 अक्तूबर को मंच की एक आपात बैठक हुई जिसमें सभी राष्ट्रीय संयोजक, प्रांत व क्षेत्रीय संयोजक, सह संयोजक एवं विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रभारियों समेत लगभग 60 लोगों ने शिरकत की। बैठक का स्वरूप ऑफ़ लाइन एवं ऑन लाइन दोनों रखा गया था, ताकि निकटवर्ती इलाकों को छोड़ कर बाकी लोग ऑन लाइन बैठक में शिरकत कर सकें। बैठक में एक सिरे से हमास के हरकतों की कड़ी आलोचना की गई। मंच का मानना है कि हमास द्वारा की गई मौजूदा गतिविधि जंग नहीं, नरसंहार और वीभत्सता के नंगे नाच की श्रेणी में आती है, जिसे कोई भी सभ्य समाज, समुदाय या देश कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

झगड़े का केंद्र बिंदु

येरुशलम विवादित क्षेत्रों के केंद्र में है, जिसको लेकर दोनों देशों के बीच शुरू से ही ठनी हुई है। इजरायली यहूदी और फिलिस्तीनी अरब, दोनों की पहचान, संस्‍कृति और इतिहास येरुशलम से जुड़ी हुई है। दोनों ही इस पर अपना दावा करते हैं। यहां की अल-अक्‍सा मस्जिद, जिसे यूनेस्‍को ने विश्व धरोहर घोषित कर रखा है, दोनों के लिए बेहद अहम और पवित्र है। इस पवित्र स्‍थल को यहूदी ‘टेंपल माउंट’ बताते हैं, जबकि मुसलमानों के लिए ये ‘अल-हराम अल शरीफ’ है। यहां मौजूद ‘डोम ऑफ द रॉक’ को यहूदी पंथ में सबसे पवित्र मजहबी स्थल कहा गया है, लेकिन इससे पैगंबर मोहम्मद का जुड़ाव होने के कारण मुसलमान भी इसे उतना ही अपना मानते हैं। यहां मुस्लिम नमाज पढ़ सकते हैं लेकिन गैर-मुस्लिमों को यहां केवल प्रवेश मिलता है लेकिन इबादत करने पर पाबंदी लगी है। पिछले दिनों यहूदी फसल उत्‍सव ‘सुक्‍कोट’ के दौरान यहूदियों और इजरायली कार्यकर्ताओं ने यहां का दौरा किया था तो हमास ने इसकी निंदा की थी। हमास का आरोप था कि यहूदियों ने यथास्थिति समझौते का उल्‍लंघन कर यहां प्रार्थना की। इन दोनों के अलावा ईसाई मत के लोग अलग इस स्थान पर अपना दावा ठोकते हैं। अब इतनी बड़ी आबादी के मानने वालों की अलग अलग महत्वकांक्षाएं हैं जिसके कारण समस्याएं रहती हैं जिसका उपाय जरूरी है अन्यथा मासूमों के हत्याओं की आशंका बनी रहेगी।

अहिंसा और वार्ता जरूरी

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि झगड़े के जो भी कारण रहें, इसका हल बात-चीत और शांतिपूर्ण तरीके से निकाला जाना चाहिए। हिंसा, अत्याचार, आतंकवाद सिर्फ बरबादी और तबाही दे सकते हैं, समस्या का समाधान नहीं। मंच ने हमास के आतंकी हमले के दौरान इजरायली नागरिकों, औरतों और बच्चों के साथ की गई क्रूरता की कड़ी भर्त्सना की। मंच का कहना है कि इजरायल और फिलिस्तीन का मामला हो या रूस और यूक्रेन का, झगड़ों का हल जंग से नहीं बल्कि शांति और सौहार्द पूर्ण वातावरण में बात-चीत के जरिए निकाला जाना चाहिए। हमास के आतंकी हमले के कारण इजरायल की सड़कों पर लाशें, खून और मातम पसरा था। जो बचे थे उनकी दर्दनाक चीख हमास के अमानवीय चेहरे की गाथा सुना रही थी। ऐसे में मंच का मानना है कि खून खराबे… मासूमों, असहाय, बेबस और मजलूमों पर अत्याचार करने के बनिस्बत वार्ता के चाहे कितने ही “दौर” और “दरवाजे” क्यों न खोलने पड़ें वह बेहतर है। हमास जैसे आतंकी संगठन जिसे चंद लोग रहनुमा मानते हैं उनकी भी मंच घोर निंदा करता है, और इसे आतंकी संगठन की श्रेणी में रखता है।

आतंकी नहीं पढ़ते कुरान या बाइबिल

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का मानना है कि कुरान शरीफ समेत दुनिया के हर पंथ के ग्रंथों में अमन, अपनापन, प्यार और शांति की बात कही गई है, खून खराबे और हत्या को कहीं भी जायज नहीं ठहराया गया है। परंतु यह बड़ा ही दुखद है कि इस्लाम और मुसलमानों के नाम पर जितने भी जिहादी संगठन बने हैं उन सभी ने इस्लाम का नाम खराब करने का काम किया है। मंच का मानना है कि इस्लाम अमन, शांति और खुशहाली का पैगाम देता है, बम, बारूद और गोलियों का नहीं। मुस्लिम देशों से मंच की अपील है कि हमास के बुजदिली और बर्बरता की चौतरफा निंदा और विरोध हो। मंच का मानना है चंद हजार आतंकियों के संगठन हमास ने लाखों शांतिपूर्ण फिलिस्तीनियों के जीवन को कतलो- गारत के अंधेरे कुएं की तरफ झोंक दिया है। ऐसे में फिलिस्तीन की अवाम को खुद हमास का पुरजोर विरोध करते हुए इस आतंकी तंजीम के खात्मे की कसम खानी चाहिए, क्योंकि बदले की कार्यवायी में जुल्म के शिकार हमेशा मासूम और निर्दोष लोग होते हैं। इस बीच, कुरान को मानने और अमल करने वाले देश सऊदी अरब, यूएई और बहरीन जैसे देशों ने भी हमास की आलोचना की है।

हमास पर भारत का रुख

इजरायल और हमास के बीच जंग में भले ही फॉस्फोरस बम चल रहे हों लेकिन भारत में इसे लेकर सियासत बंटती नजर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने हमास की आलोचना करते हुए इजरायल का पक्ष लिया है तो वहीं कांग्रेस अब फिलिस्तीनी नागरिकों के अधिकारों की बात कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारत आतंकवाद के हर रूप की निंदा करता है और इस मुश्किल घड़ी में भारत के लोग इजरायल के साथ मजबूती से खड़े हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच भी हमास की निंदा करता है और संकट के समय पूरी तरह इजरायली अवाम के साथ है।

कांग्रेस फिर से बेनकाब 

मंच का कहना है कि हमास की आतंकी गरिविधियों की मुस्लिम देशों समेत दुनिया के सभी मुल्कों को विरोध करना चाहिए। कांग्रेस नेतृत्व की भी मंच ने कड़ी आलोचना की। मंच का मानना है कि आतंक की पराकाष्ठा के बावजूद हमास की आलोचना करने की बजाए कांग्रेस उसका बचाव करने में लगी है, जो अमानवीय, चिंतनीय एवं निंदनीय है। मंच का मानना है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को ऐसी शर्मनाक हरकतों से बाज आना चाहिए। मंच का कहना है कि कांग्रेस की इसी बीमारू मानसिकता और ढुलमुल रवैया के कारण कश्मीर में आतंकवाद को शह मिली तथा एक शांतिपूर्ण स्थान जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता था वो बम के धमाकों, गोलियों की गूंज और हुड़दंगी पत्थरबाजों के कारण अशांत, असुरक्षित और आमजनों का जन जीवन अस्त व्यस्त होकर रह गया था। पंजाब में खालिस्तानी समर्थक और भिंडरावाला को खड़ा करने में कांग्रेस का ही हाथ था जिससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस का चाल, चरित्र एवं चेहरा दागदार और हाथ खून से सने हैं। कांग्रेस की ही कमजोरी के कारण देश को 2008 मुंबई हमले का दंश झेलना पड़ा था। 1989 में भागलपुर दंगे में भी कांग्रेसियों के नापाक चेहरे हर तरफ उजागर हुए थे। मंच का मानना है कि आजादी के बाद से अब तक देश में हुए 34 हजार दंगों में से 99.99 फीसदी दंगों की मास्टरमाइंड कांग्रेस ही है, क्योंकि कांग्रेस और तथाकथित अन्य सेकुलर दलों की सरकार में यह सारे दंगे हुए हैं।

शिरकत करने वाले कार्यकर्ता

बैठक में मोहम्मद अफजाल, गिरीश जुयाल, शाहिद अख्तर, ताहिर हुसैन, विराग पाचपोर अबु बकर नकवी, एस के मुद्दीन, रज़ा हुसैन रिजवी, मजीद तालिकोटि, तुषरकांत, इरफान अली पीरजादा, हाजी मोहम्मद साबरीन, इमरान चौधरी, मोहम्मद इस्लाम, खुर्शीद रजाका, फैज खान, शालिनी अली, रेशमा हुसैन, सैयद मोहम्मद इरफान, ठाकुर राजा रईस, महताब आलम रिजवी, फारूक खान, अज़ीम उल हक, इमरान हसन, इरतेजा करीम, अनिल गर्ग, केशव पटेल, मोहम्मद हसन नूरी, अल्तमश खान बिहारी, अकील खान, आसेफा अली, जाहिर हुसैन, आमिर खान, अब्दुल रउफ, आसिफ अली, चांदनी बानो, मीर नजीर, बदरुद्दीन खान समेत अनेक कार्यकर्ताओं ने शिरकत की।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies