हमास ने जब से इजरायल पर हमला किया है, तभी से ईरान पर उंगलियां उठ रही थीं कि उसी ने हमास के आतंकियों को इजरायल पर हमले के लिए तैयार किया था। लेकिन, हमास पर इजरायल के भीषण पलटवार के बाद अब ईरान खुलकर फिलिस्तीन के समर्थन में उतर गया है। उसने सभी इस्लामिक देशों से एकजुट होकर इजरायल के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आह्वान किया है।
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने खाड़ी के सभी मुस्लिम देशों और दुनियाभर के स्वतंत्र देशों से इजरायल के खिलाफ इस युद्ध में साथ देने की अपील की है। इस बीच हमास का शुरू से समर्थन कर रहे ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियान ने चेतावनी दी है कि इजरायल अगर गाजा में अपने हमले तेज करता है तो वह नया मोर्चा खोल सकता है। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन पर हमला, युद्ध अपराध और गाजा को सीज करना ये ऐसी चीजें हैं जो कि कुछ और मोर्चों को खोल सकती हैं। दरअसल, इजरायल के भीषण हमलों ने इस्लामिक देशों में हाहाकार मचा हुआ है, सभी को डर सताने लगा है। इसलिए अब ईरान सभी को एकजुट कर इजरायल पर हमला करना चाहता है।
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बता दें कि इजरायल के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए ईरानी विदेश मंत्री इस्लामिक देशों का दौरा कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने ईराक का दौरा किया, जहां पर उन्होंने ये बात कही है। इसके बाद वो लेबनान के दौरे पर जाने वाले हैं। गौरतलब है कि लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्ला का ईरान समर्थन करता रहा है। बताया जाता है कि हिजबुल्ला को ईरान ने कई घातक हथियार दे रखे हैं। इसके साथ ही हिजबुल्ला के पास एक लाख की अपनी मिलिशिया होने का दावा भी किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि हमास के साथ इस जंग में जहाँ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई पश्चिमी देशों ने इजरायल का समर्थन किया है, वहीं ज्यादातर इस्लामिक देश अब फिलिस्तीन के समर्थन में उतर गए हैं। इनका नेतृत्व ईरान कर रहा है। ईरान और इजरायल की पुरानी अदावत है। इस बीच इजरायल में मरने वालों की संख्या 1300 के आंकड़े को पार कर गई है, जबकि इजरायली डिफेंस फोर्स के हमले में 1100 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर है।
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