अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस में भारत सरकार के रुख के खिलाफ फिलिस्तीन के समर्थन में मार्च निकाले जाने से बवाल खड़ा हो गया है, पुलिस ने इस मामले में एमबीए और पीएचडी छात्र खालिद,आतिफ, कामराम व नावेद के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर एफआईआर शुरू कर दी है। खालिद,आतिफ, कामराम व नावेद सहित अन्य अज्ञात छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
अलीगढ़। इजरायल-हमास की लड़ाई में भारत के रुख के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में फलस्तीन के समर्थन में जुलूस निकाले जाने से विवाद की स्थिति बन गई है। भाजपा व आनुसंगिक संगठनों ने इसे लेकर गहरा रोष जताया है। सोशल मीडिया व सीसीटीवी फुटेज में जुलूस-प्रदर्शन के फुटेज सामने आते ही पुलिस ने खालिद, आतिफ, कामराम व नावेद सहित अन्य अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। एएमयू प्रशासन ने भी स्पष्ट किया है कि जुलूस बगैर अनुमति के निकाला गया था और ऐसा करना कार्रवाई के दायरे में आता है।
हमास के हमलों के विरोध में इजरायल जवाबी कार्रवाई कर रहा है। इजरायल और हमास की लड़ाई में भारत अपना रुख स्पष्ट पहले ही कर कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर साफ किया है कि इजराइल में आतंकी हमलों की खबर गहरा सदमा लगा है, हमारी प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं, हम इस कठिन समय में इजराइल के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं। पुलिस के अनुसार, भारत का रुख पता होते हुए भी एएमयू में फलस्तीन के समर्थन में जुलूस निकालकर विवाद पैदा किया गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारी छात्र फलस्तीन का खुलकर समर्थन करते देखे गए।
धार्मिक नारेवाजी कर कैंपस का माहौल खराब करने का प्रयास भी किया गया। इसकी जानकारी होते ही क्षेत्रीय भाजपा सांसद सतीश गौतम सहित पार्टी नेता विरोध में सामने आ गए और प्रदर्शन करने वालों पर कार्रवाई की मांग की। अलीगढ़ सांसद गौतम ने कहा कि एएमयू में ऐसा कृत्य बार-बार होता नजर आता है, जिससे देश में नकरात्मक माहौल बने। एएमयू का छात्र मन्नान भी ऐसी ही मानसिकता की वजह से आतंकवादी बना था। इसराइल अपनी संप्रुभता की रक्षा कर रहा है और हम इसका समर्थन कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों ने एएमयू में फलस्तीन के समर्थन में जुलूस निकाले जाने को देशद्रोह बताते हुए कार्रवाई की मांग उठाई थी।
मामले की गूंज लखनऊ-दिल्ली तक पहुंची तो तुरंत ही पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गए। पुलिस ने आनन-फानन में थाना सिविल लाइन में एएमयू कैम्पस में छात्रों द्वारा फलस्तीन के समर्थन में जुलूस निकालते हुए भड़काऊ नारेबाजी करने के मामले में पीएचडी छात्र खालिद, एमबीए छात्र आतिफ, एमए के छात्र कामराम व मो. नावेद सहित अन्य अज्ञात छात्रों के खिलाफ धारा-188, 153ए, 505 के अर्न्तगत मुकदमा दर्ज कर लिसा। मुकदमे में बिना अनुमति जुलूस निकालने, धार्मिक भावनाएं आहत करने, निषेधाज्ञा उल्लंघन व भड़काऊ नारे लगाने की बात कही गई है। पुलिस टीम ने एएमयू प्रॉक्टर ऑफिस पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए हैं। फुटेज के आधार पर प्रदर्शन में शामिल अन्य छात्र भी कार्रवाई के दायरे में लिए जाएंगे।
एएमयू प्रॉक्टर वासिम अली ने कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी देश व अमन के साथ है। कुछ लड़कों के ग्रुप ने बगैर अनुमति मार्च निकाला था। है। फुटेज के आधार पर उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। कानून के दायरे से बाहर जाकर कोई कार्य करेगा, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक ने मीडिया को बताया है कि एएमयू में बिना अनुमति के छात्रों के द्वारा जुलूस निकाला गया। जिसमें धार्मिक भावनाएं आहत करने के साथ ही भड़काऊ नारेबाजी की गई। इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि कैम्पस में पहले भी विवादित मसलों पर नारेबाजी और प्रदर्शन सामने आते रहे हैं।
देश की संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने पर एएमयू में छात्रों ने नमाज-ए-जनाजा ने के बाद आतंकी को शहीद का दर्जा देने की मांग की थी। फांसी के विरोध में मार्च भी निकाला था। एएमयू में पढ़ाई करते हुए आतंकवादी बने कश्मीर के छात्र मन्नान वानी के सुरक्षावलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद भी यहां के छात्रों ने गलत टिप्पणियां की थीं। सीएए-एनआरसी के विरोध में एएमयू के पूर्व छात्रों की अहम भूमिका सामने आई थी। पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी आदि पर उस वक्त मुकदमे भी दर्ज हुए थे। आंदोलन के दौरान कैंपस में खूब भड़काऊ नारे लगाते हुए मार्च निकाले गए थे। और अब फलस्तीन के समर्थन में छात्रों द्वारा निकाले गए जुलूस की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से नया विवाद खड़ा हो गया है।
टिप्पणियाँ