नौसेना की तरह ही भारतीय वायुसेना ने भी अपने ध्वज को बदल दिया है। गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़ते हुए वायुसेना दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना ने रविवार (8 अक्टूबर, 2023) को प्रयागराज में वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने नए ध्वज का अनावरण किया।
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इसको लेकर भारतीय वायुसेना ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय वायुसेना के मूल्यों को बेहतर तरीके से दिखाने के लिए नए ध्वज को डिजाइन किया गया है। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना अपना 91वां स्थापना दिवस मना रही है। इंडियन एयरफोर्स की स्थापना आज ही के दिन 8 अक्टूबर 1932 में की गई थी। इसके महत्व को देखते हुए 1945 इसे रॉयल शब्द दिया गया था। बहरहाल अब नए कलेवर के साथ इंडियन एयरफोर्स प्रयागराज में आयोजित हो रहे एयर शो में अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी। इसके लिए 100 से अधिक फाइटर प्लेन और हेलीकॉप्टर बमरौली एयरपोर्ट पहुँच चुके हैं।
नए झंडे में क्या है खास
भारतीय वायुसेना ने अपने नए ध्वज में औपनिवेश की निशानियों को मिटा दिया है। नए झंडे में भारतीय वायुसेना ने अपने साथ रॉयल उपसर्ग को हटा दिया है। इस ध्वज के बाएँ तरफ कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड में आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल किया गया है। ध्वज के ऊपरी दाएँ कोने में फ्लाई साइड की ओर वायुसेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है। शिखा पर राष्ट्रीय चिन्ह, शीर्ष पर अशोक स्तंभ, उसके नीचे देवनागरी में सत्यमेव जयते लिखा है। अशोक स्तंभ के नीचे हिमालयन ईगल पंख फैलाए हुए है, जो वायुसेना के लड़ने की क्षमता को दर्शाता है।
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इसके अलावा हिमालयन ईगल के नीचे वायुसेना का आदर्श वाक्य ‘गौरव के साथ आकाश को छुएँ’ को अंकित किया गया है। वायुसेना के आदर्श वाक्य को भगवद गीता के 11वें अध्याय के 24वें श्लोक से लिया गया है।
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