तालिबान शासित अफगानिस्तान में शनिवार (7 अक्टूबर 2023) को एक के बाद एक 6 भूकंप के झटकों ने भारी तबाही मचाई है। देश के हेरात प्रान्त से 40 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में आए भूकंप के कारण 2000 लोगों के मारे जाने की खबर है। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 6.3 आंकी गई है।
इस आपदा के कारण अफगानिस्तान की इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं। देश की सांस्कृतिक राजधानी माने जाने वाले हेरात की जनसंख्या करीब 19 लाख बताई जाती है। प्राकृतिक आपदाओं का सिलसिला अभी थमा नहीं है। यहाँ कई ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएँ भी सामने आई हैं। फराह और बगदीस प्रान्त में भी धरती डोली है। ऐसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका भी है।
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भूकंप के बाद लोग अपने घर, दुकानों को छोड़कर भागने लगे। भूकंप के कारण फैली दहशत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अफगानिस्तान नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने इसकी पुष्टि की है। भूगर्भ विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान का एक बड़ा इलाका भूकंपीय जोन के अंदर आता है। यहाँ हिंदुकुश पर्वत श्रृंखला में यूरेशियन और भारतीय प्लेटों के खिसकने के कारण इस तरह की घटनाएँ होती रहती हैं। इससे पहले पिछले साल भी अफगानिस्तान में भूकंप आया था, जिसमें भी 1000 लोग मारे गए थे।
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तालिबान ने माँगी मदद
आपदा के बीच तालिबानी सरकार के सूचना एवं संस्कृति मंत्रालय के स्पीकर अब्दुल वाहिद रेयान ने कहा कि हेरात में भूकंप से मरने वालों की संख्या मूल रूप से बताई गई तादाद से कहीं अधिक है। अब्दुल वाहिद ने अपने लोगों से आगे आकर मदद करने की अपील करते कहा कि करीब छह गांव बर्बाद हो गए हैं और सैकड़ों नागरिक मलबे के नीचे दब गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा, “भागीदारों और मकामी अफसरों को हताहतों की तादाद बढ़ने का अनुमान है, क्योंकि खोज और बचाव काम जारी है। बताया जाता है कि कुछ लोग ढही हुई इमारतों के नीचे फंसे हो सकते हैं।”
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