देश की राजधानी दिल्ली में हाल ही में पकड़े गए ISIS के तीन आतंकियों का उत्तराखंड के हल्द्वानी से कनेक्शन जुड़ गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक, आतंकियों के राडार पर हल्द्वानी शहर है, उन्होंने शहर की रेकी की थी। पुलिस को आतंकियों के पास से गूगल का जो नक्शा मिला है, उससे इस बात का खुलासा हुआ है।
पाञ्चजन्य ने अपने पिछले लेखों में इस बात की जानकारी को प्रकाशित किया था कि उत्तराखंड का दूसरा बड़ा शहर हल्द्वानी भी देहरादून की तरह मरकज का एक बड़ा केंद्र बन चुका है। पाञ्चजन्य की खबर की प्रमाणिकता उस वक्त सिद्ध हो गई, जब 2 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया। बताया जाता है कि ये मरकज जमीयत से जुड़ा हुआ है।
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दिल्ली पुलिस की अब तक की जांच से कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जिससे यह आशंका बनी हुई है कि पुणे के जंगल में बम धमाके के परीक्षण की पुष्टि के बाद कि आतंकियों द्वारा हल्द्वानी में रेकी करने के साथ इसी तरह का परीक्षण भी किया था। अब दिल्ली पुलिस के साथ उत्तराखंड पुलिस भी इस पूरे मामले की तह तक जाने में जुटी है। अब सवाल ये उठने लगे हैं कि कहीं रेकी की वजह हल्द्वानी में कोई नया ट्रेनिंग सेंटर खोलना तो नहीं था, जहां युवाओं को बरगलाया जा सके?
गौरतलब है कि दिल्ली की स्पेशल सेल द्वारा दिल्ली लखनऊ और मुरादाबाद से तीन संदिग्ध आतंकियों मोहम्मद शाहनवाज आलम, मोहम्मद रिजवान अशरफ और मोहम्मद अरशद वारसी को गिरफ्तार किया था, जो कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तौयबा से जुड़े हैं। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आतंकियों ने गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और झारंखड में रेकी की थी। इसमें हल्द्वानी का नाम भी सामने आया था।
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फिलहाल यहां बम परीक्षण करने की सत्यता का जांच की जा रही है। लेकिन यह तय है कि हल्द्वानी में भी उनकी मौजूदगी थी, जो कि बेहद चिंताजनक है। मीडिया में प्रकाशित इन खबरों के बाद उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने इस मामले की गहनता से छानबीन के निर्देश दिए है।
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