देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के दौरान दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों (2020) के दौरान पिस्टल लहराने वाले शाहरुख को कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए बेल दे दी है। शाहरुख पठान पर ये आरोप है कि उसी ने दंगों के दौरान पिस्टल लहराते हुए रोहित शुक्ला नाम के एक व्यक्ति को गोली मार दी थी, साथ ही उसने दिल्ली पुलिस के एक हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया पर भी बंदूक तान दी थी।
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कोर्ट ने शाहरुख पठान को ये बेल दिल्ली के जाफराबाद में रोहित शुक्ला को गोली मारकर घायल करने और दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबल पर गन तानने के मामले में दी है, लेकिन वो अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। एक अन्य मामले में शाहरुख पठान को जेल में ही रहना होगा। ये मामला पुलिसवालों पर हथियार तानने का है। बहरहाल, पठान को ये बेल दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट एडिशनल सेशन जज अमिताभ कांत ने दी है। कोर्ट का मानना था कि गोली मारने और दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों के आरोपी शाहरुख पर केस के ट्रायल और उसकी न्यायिक हिरासत के दौरान अत्याचार किए गए।
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कोर्ट ने इस बात को पॉइंट आउट किया कि पिछले 3 अप्रैल से वो न्यायिक हिरासत में है, जबकि बाकी के सह आरोपी बेल पर बाहर हैं। गौरतलब है कि इसी साल मई के महीने में शाहरुख ने कोर्ट में बेल एप्लीकेशन फाइल की थी, जिसमें उसने कहा था कि उसके साथ आरोपी रहे सभी लोगों को बेल मिल गई है, लेकिन वो अभी भी जेल में है। इसके बाद अब 50000 रुपए के बॉन्ड के बदले कोर्ट ने उसे बेल दे दी है।
क्या था मामला
गौरतलब है कि भारत सरकार ने भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन बिल (CAA) को लोकसभा से पास किया था। सरकार बार-बार ये समझाती रही कि ये देश के मुस्लिमों के खिलाफ नहीं है, लेकिन राजनीतिक दलों और असामाजिक तत्वों ने इस मामले को हवा दे दिया था। जिस कारण CAA के विरोध में राजधानी दिल्ली में दंगे फैल गए। बाद में इसने हिन्दू विरोधी दंगे का स्वरूप ले लिया था।
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