संत ईश्वर सेवा सम्मान
संत ईश्वर सम्मान 2023 का ‘विशेष सम्मान’ भारतमाता के भाल को चंद्रमा की ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले इसरो के वैज्ञानिकों को दिया गया।
जनजाति क्षेत्र में संत ईश्वर विशिष्ट सेवा सम्मान जशपुर की संस्था ‘रूरल एजुकेशन एंड डेवेलपमेंट सोसाइटी’ को दिया गया।
दादर नगर हवेली एवं दमन दीव के दशरथ झिपर को संत ईश्वर सेवा सम्मान दिया गया।
केरल के के. गोविन्दन को धुनर्विद्या को संरक्षित करने के लिए सम्मानित किया गया।
दीमापुर में कछारी जनजातीय महिला संगठन की संस्थापिका व अध्यक्षा बिनिता जिगडुंग को भी सम्मानित किया गया।
जलना (महाराष्ट) के सुनील अर्जुन राव शिंदे को किसानों के लिए नए उपकरण बनाने के लिए सम्मानित किया गया।
पश्चिम बंगाल में कार्य कर रही पातालचंडी कल्याण समिति को तालाबों के पुनरोद्धार के लिए सम्मानित किया।
इन्हें मिला संत ईश्वर सेवा सम्मान
सामाजिक समरसता के लिए राजस्थान के रामचरण लोधा को पुरस्कृत किया गया।
जल संरक्षण के लिए उज्जैन के गोपाल डोंडिया को सम्मानित किया गया।
शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए जोधपुर की भानुप्रिया भट्ट का सम्मान किया गया।
पारधी समाज के बच्चों का जीवन संवारने के लिए भोपाल की अर्चना शर्मा का सम्मान हुआ।
अमरोहा (उ.प्र.) में बालिकाओं को शिक्षा देने वाली आचार्या डॉ. सुमेधा का भी सम्मान हुआ।
कुष्ठ रोगी बालिकाओं के लिए कार्य करने वाले बिलासपुर के ‘तेजस्विनी सेवा प्रतिष्ठान’ को भी सम्मान मिला।
बिहार में उपेक्षित बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य करने वाले सुमित कुमार भी सम्मानित हुए।
गुरुग्राम में वरिष्ठ नागरिकों और मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों की देखभाल करने वाली संस्था ‘द अर्थ सेवियर्स फाउंडेशन’ को पुरस्कृत किया गया।
प्रतापगढ़ (उ. प्र.) में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने वाले सुंदरम तिवारी को भी इस वर्ष सम्मानित किया गया।
किसानों की आय में वृद्धि करने वाले कोटा के पवन कुमार हुए सम्मानित।
95 साल की एथलीट दादी भगवानी देवी डागर को भी सम्मानित किया गया। दिल्ली के नजफगढ़ की एथलीट दादी भगवानी देवी डागर ने पौलेंड में आयोजित नौंवी वर्ल्ड मास्टर्स एथलीट इंडोर चैंपियनशिप 2023 में तीन गोल्ड जीत कर भारत की झोली में डाले हैं।
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