चंडीगढ़। खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों के गठजोड़ पर पंजाब पुलिस ने डिजिटल स्ट्राइक की है। चंडीगढ़ पुलिस ने आतंकी और खालिस्तानी गतिविधियों में सक्रिय अपराधियों और गैंगस्टरों के संदिग्ध 1297 सोशल मीडिया अकाउंट बंद करवाए हैं। अब भी 591 अकाउंट पुलिस के रडार पर हैं। एक साल के अंदर साइबर सेल, ऑपरेशन सेल और सीआइडी की संयुक्त टीम ने मिलकर इन अकाउंट की पहचान की थी। इसमें गैंगस्टर लारेंस, संपत नेहरा, राजू बिसौदी, काला राणा जठेड़ी, नीरज बवाना, देवेंदर बंबीहा ग्रुप सहित खालिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाले अकाउंट शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि गैंगस्टरों के नाम से संचालित होने वाली आईडी के माध्यम से खासकर युवाओं को अपराध की ओर खींचा जाता रहा है। पुलिस भी मानती है कि गैंगवार जैसी वारदात के बाद अपना दबदबा बनाने के लिए अपराधियों में सोशल मीडिया का प्रयोग करने का चलन अब आम होता जा रहा है। वहीं, आतंकी संगठनों और खालिस्तान समर्थकों की ओर से भारत विरोधी एजेंडा चलाने के लिए भी इंटरनेट का सहारा लिया जा रहा है। लेकिन, अब पुलिस अपराधियों की ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने में जुट गई है। पुलिस ने सितंबर 2022 से सितंबर 2023 तक इस तरह के सक्रिय अकाउंट की पहचान कर उन्हें बंद करवाया है। पहली बार में 96, दूसरी बार में 427, तीसरी बार में 331 और चौथी बार में 443 सहित कुल 1888 अकाउंट को वेरिफाई किया गया था।
ऐसे काम करती है टीम
पुलिस के अनुसार आतंकी और खालिस्तानी गतिविधियां रोकने के लिए ऑपरेशन सेल, साइबर सेल और सीआइडी की एक संयुक्त टीम गठित की गई है। यह टीम संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट पर नजर रखती है। सीआइडी की ओर से इसकी सूची साइबर सेल को सौंपी जाती है। इसके बाद साइबर सेल की टीम तकनीकी और कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से फेसबुक, वाट्सएप, यू-ट्यूब व इंस्टाग्राम सहित अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय अकाउंट को ब्लॉक करवाती है। साल 2022 में की गई जांच में पता चला कि गैंगस्टरों के नाम से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अकाउंट बनाकर अवैध हथियारों का भी सौदा किया जाता रहा है। उन्हें चलाने की ट्रेनिंग देने की वीडियो सामने आए थे। ये गैंगस्टर दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान में सक्रिय हैं। प्लेटफार्म पर अवैध हथियारों को लोड करने से लेकर चलाने तक की ट्रेनिंग दी जा रही थी।
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