नई दिल्ली। दक्षिण तमिलनाडु के बजरंग दल द्वारा शौर्य जागरण यात्रा कन्याकुमारी में प्रारंभ होने वाली थी। इस यात्रा को डीएमके सरकार ने अनुमति नहीं दी है। उन्होंने न केवल पब्लिक मीटिंग या हाल मीटिंग को अनुमति नहीं दी है अपितु सभी फंक्शन हॉल्स के मालिकों को भी नोटिस भेजा है कि किसी भी फंक्शन हॉल, यहां तक कि मंदिरों में भी इस प्रकार के कार्यक्रम नहीं होंगे।
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉक्टर सुरेन्द्र जैन ने शनिवार को तमिलनाडु सरकार चेतावनी दी कि वह अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता से बाज आए। अगर तमिलनाडु सरकार अपना रवैया नहीं बदलेगी तो विहिप वहां एक बड़ा आंदोलन छेड़ेगी।
सुरेन्द्र जैन ने एक बयान में कहा कि तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने पहले सनातन हिंदू धर्म के विरुद्ध विषवमन किया और अब हिंदू संगठनों द्वारा किए जा रहे शांतिपूर्ण कार्यक्रमों पर रोक लगाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह तमिलनाडु की पावन धरा से हिंदू धर्म को समाप्त करने के अपने अपवित्र एजेंडे को पूरा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि बजरंग दल एक राष्ट्रभक्त संगठन है, जो देश के युवाओं में देशभक्ति का भाव जाग्रत करता है और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए प्रेरित करता है। उनके कार्यक्रमों पर रोक लगाना और उनके पदाधिकारियों को गिरफ्तार करना न केवल असंवैधानिक है अपितु राष्ट्र विरोधी तत्वों को प्रोत्साहन देना है।
जैन ने अंत में कहा कि विहिप स्टालिन सरकार के इस दमन चक्र की कठोरता शब्दों में निंदा करती है और चेतावनी देती है कि वह अपने हिंदू विरोधी एजेंडे से बाज आएं। तमिलनाडु की पावन धरती, जहां का कण कण हिंदुत्व के रंग में रंगा है, वहां अब कोई हिंदू विरोधी एजेंडा सफल नहीं हो पाएगा। यदि सरकार का यही रवैया रहा तो विहिप को तमिलनाडु में एक बड़े आंदोलन की तैयारी करनी पड़ेगी।
टिप्पणियाँ