ग्लेशियरों का पिघलना खतरे की घंटी, हिमालयी क्षेत्र के देशों की मांग-'फौरन ध्यान दे दुनिया'
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

ग्लेशियरों का पिघलना खतरे की घंटी, हिमालयी क्षेत्र के देशों की मांग-‘फौरन ध्यान दे दुनिया’

हिंदुकुश-हिमालय से लगते आठ देशों के समूह ने ग्लेशियरों की रक्षा करने के लिए दुनिया का आह्वान किया है कि बिना देर किए जलवायु परिवर्तन की रफ्तार थामने की ओर कदम बढ़ाएं

by WEB DESK
Sep 30, 2023, 04:40 pm IST
in विश्व
ग्लेशियरों का पिघलना पिछले दस साल में बहुत तेज हुआ है। (File photo)

ग्लेशियरों का पिघलना पिछले दस साल में बहुत तेज हुआ है। (File photo)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

हिमालय क्षेत्र में बर्फ के पहाड़ पिघल रहे हैं। साल दर साल तेज होती जा रही गर्मी अपना दुष्प्रभाव दिखा रही है। दुनिया खतरे की कगार पर खड़ी है। जलवायु परिवर्तन हमारी ग्लेयिशरों को नुकसान पहुंचा कर उन्हें खत्म करता जा रहा है। सागरों का जलस्तर बढ़ रहा है। किनारे बसे इलाकों के डूबे का खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में हिमालय क्षेत्र के भारत और चीन सहित आठ देशों ने दुनिया को सावधान किया है कि संभल जाओ, वरना सब मुसीबत में फंसेंगे।

बर्फ के पहाड़ों का पिघलना यूं तो सामान्य प्रक्रिया है लेकिन बहुत तेजी से पिघलना संकट की पदचाप भी है। इसलिए हिंदुकुश-हिमालय से लगते आठ देशों के समूह ने ग्लेशियरों की रक्षा करने के लिए दुनिया का आह्वान किया है कि बिना देर किए जलवायु परिवर्तन की रफ्तार थामने की ओर कदम बढ़ाएं। इन देशों का कहना है कि इसमें देर की गई तो दुनिया में हर तरफ पहाड़ी ग्लेशियरों को नुकसान पहुंचेगा। ग्लेशियरों का पिघलना इधर पिछले दस साल में बहुत तेज हुआ है।

काठमांडू में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में हिंदुकुश हिमालय क्षेत्र के आठ देशों के मंत्रियों, कूटनीतिकों और नीति बनाने वालों के साथ ही इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने मिलकर चिंतन किया।

इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट संस्था के महानिदेशक पेमा ग्यात्सो का कहना है कि विश्व के दो अरब लोग अपने खाने और जल सुरक्षा के लिए इन पहाड़ों के पानी पर आश्रित हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक और अंटार्कटिक में ग्लेशियारों के पिघलने के भयंकर नतीजों को लेकर दुनिया को सावधान हो जाना चाहिए।

Representational Image

पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ ही नीतियां बनाने वालों ने इस साल ग्लेशियरों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचने के दुनिया पर पड़े भयंकर प्रभाव को लेकर होशियार किया है कि हिमनदों को बचा लो, अभी भी वक्त है। यह बात इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट तथा नेपाल के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से पिछले दिनों काठमांडू में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में सामने आई है। इसमें हिंदुकुश हिमालय क्षेत्र के आठ देशों के मंत्रियों, कूटनीतिकों और नीति बनाने वालों के साथ ही इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने मिलकर चिंतन किया।

हिंदुकुश-हिमालय क्षेत्र के वे आठ देश हैं—अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, भारत, चीन, नेपाल, म्यांमार तथा पाकिस्तान। ‘इंटरनेशनल क्रायोस्फीयर क्लाइमेट इनिशिएटिव’ के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार जेम्स किर्खम का कहना है, ”यदि इस बारे में फौरन कदम नहीं उठाए जाते तो दुनिया में पहाड़ी हिमनदों का क्षरण कोई रोक नहीं पाएगा।”

संस्था इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट ने जो बयान जारी किया है, उसमें साफ लिखा है, ”हमें अब धरती को इन सूरतों में पहुंचने से पहले सुधार की ओर बढ़ना होगा, नहीं तो दुनिया में जीवन पर संकट खड़ा हो जाएगा।” इस संस्था के महानिदेशक पेमा ग्यात्सो का कहना है कि विश्व के दो अरब लोग अपने खाने और जल सुरक्षा के लिए इन पहाड़ों के पानी पर आश्रित हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण आर्कटिक और अंटार्कटिक में ग्लेशियारों के पिघलने के भयंकर नतीजों को लेकर दुनिया को सावधान हो जाना चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि हिमनद इसी रफ्तार से पिघलते रहे तो ढाका, कराची, शंघाई तथा मुंबई के बड़े इलाकों हित कई अन्य क्षेत्र 2050 तक डूबने की कगार पर पहुंच सकते हैं। महानिदेशक किर्खम कहते हैं,”इससे वह जलवायु प्रणाली अस्थिर हो जाएगी जिसने धरती पर लाखों साल से जीने के लायक बनाया हुआ है। यदि कार्बन उत्सर्जन इसी तरह बढ़ता रहा तो नतीजा यह होगा कि सागर किनारे बसे ढाका, मुंबई, कराची तथा शंघाई महानगरों के बड़े क्षेत्र डूब जाएंगे।”

पर्यावरण विशेषज्ञ किर्खम के अनुसार, 2050 तक समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी की वजह से अकेले बांग्लादेश में ही 1.8 करोड़ लोग शरणार्थी बन जाएंगे। पर्यावरणविदों ने कहा है कि हिंदुकुश हिमालयी क्षेत्र के बर्फ ढकी जगहों का तत्काल गहन अध्ययन करने की जरूरत है। अगर ये हिमनद पिघलते रहे तो फिर भूस्खलन जैसी अनेक भयंकर आपदाओं का खतरा बढ़ता जाएगा।

Topics: nepalhindukushसम्मेलनhimalayakathmanduhimalayanGlacierschnageIndiapolicymeltChinadangeroceansकाठमांडूriseriskremedyग्लेशियरscientistsपर्यावरणclimateconferrenceEnvironmentहिमनद
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

Nepal Rasuwagadhi Flood

चीन ने नहीं दी बाढ़ की चेतावनी, तिब्बत के हिम ताल के टूटने से नेपाल में तबाही

Pema Khandu Arunachal Pradesh Tibet

पेमा खांडू का चीन को करारा जवाब: अरुणाचल भारत का अभिन्न अंग, तिब्बत से सटी है सीमा

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

Operation Sindoor: बेनकाब हुआ चीन, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ऐसे कर रहा था अपने दोस्त पाक की मदद

जनरल असीम मुनीर

जिन्ना के देश ने कारगिल में मरे अपने जिस जवान की लाश तक न ली, अब ‘मुल्ला’ मुनीर उसे बता रहा ‘वतनपरस्त’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies