नैनीताल। शहर में 121वें नंदा देवी महोत्सव का समापन हो गया। मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों का नैनीझील में विसर्जन किया गया। मां नंदा सुनंदा को कुमाऊं की कुलदेवी हैं। नंदाष्टमी के दिन कादली वृक्ष की छाल से निर्मित और श्रृंगार की गई नंदा सुनंदा की मूर्तियों की स्थापना की जाती है। सप्ताह भर उनकी पूजा-अर्चना चलती है।
नैना देवी मंदिर में समापन कार्यक्रम का पूजन पंडित भगवती प्रसाद जोशी ने कराया। देवीभोग के बाद मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई। नयना मंदिर की परिक्रमा के बाद नंदा सुनंदा का डोला चाट पार्क, शारदा संघ, मल्लीताल रिक्शा स्टैंड, नया बाजार से होते हुए मालरोड से मल्लीताल बाजार पहुंचा। इसके बाद राम सेवक सभा भवन और बाजार होते हुए ठंडी सड़क पहुंचीं माता नंदा सुनंदा की मूर्तियों को नैनीझील में विसर्जित कर दिया गया। शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालु माता के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे।
श्रद्धालुओं ने अश्रुपूरित नेत्रों के साथ मां को मायके (घर) से अपने ससुराल (कैलाश) के लिए विदा किया और अगले वर्ष जल्दी आने की प्रार्थना भी की। नंदा सुनंदा की डोली शोभायात्रा ऐसे ही सम्मान पूर्वक कुमाऊं के भवाली, अल्मोड़ा और अन्य शहरों में भी निकाली गई।
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