इंफाल। मणिपुर के गृह विभाग ने बुधवार को एक अधिसूचना जारी कर राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसके साथ ही राज्य में फिर से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट (आफ्सपा) भी लागू कर दिया गया है। इंटरनेट सेवाएं पांच दिन के लिए निलंबित की गई हैं।
सरकार की अधिसूचना के अनुसार राज्यपाल की राय है कि विभिन्न उग्रवादी समूहों की हिंसक गतिविधियों को देखते हुए पूरे मणिपुर में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों की आवश्यकता है। इसलिए राज्य सरकार ने पूरे मणिपुर को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। इनमें इंफाल, लाम्फेल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमई, लामासांग, पटसोई, वांगोई, पोरोम्पट, हेंगांग, लामलाई, इरिलबंग, लिमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, काकचिंग और जिरिबाम जिलों के 19 पुलिस थाना क्षेत्रों में शांति है, जिन्हें अशांत क्षेत्र के दायरे से बाहर रखा गया है।
दरअसल, राज्य में दो लापता छात्रों की मौत के बाद हालात फिर से तनावपूर्ण होने लगे हैं। इंफाल शहर और घाटी के अन्य इलाकों में छात्रों ने प्रदर्शन किए। बुधवार रात को भी इंफाल की सड़कों पर हंगामा और प्रदर्शन हुआ। मणिपुर में अन्य उग्रवादी संगठन मौके का फायदा उठाकर अशांति फैला रहे हैं। इस सिलसिले में म्यांमार के उग्रवादी संगठन के सदस्य इसी सप्ताह गिरफ्तार भी किए गए थे।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह कहा, “पिछले एक-डेढ़ महीने से दोनों तरफ से फायरिंग बंद हैं। धीमे-धीमे शांति स्थापित हो रही है। इसी बीच मैइती लड़का और लड़की जुलाई से लापता थे और तभी से हमने उनको ढूंढने की कोशिश की, लेकिन इसकी जटिलता को देखते हुए इस मामले को CBI को सौंप दिया था। कल एक वायरल वीडियो में उनके शव को देखा गया। इसी को लेकर लोगों की जांच कराने की मांग थी। यह एक निंदनीय अपराध है। गृह मंत्री ने कल शाम मुझे कॉल किया और CBI के विशेष निदेशक को भेजने की बात कही थी। आज CBI टीम दोपहर में इंफाल पहुंच गई है। हम मणिपुर के लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि हम अपराधियों को सजा देंगे।
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