नई दिल्ली। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है। मंदिर के उद्घाटन को लेकर भक्तों में उत्साह है। अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि श्रद्धालु 26 जनवरी से पहले भव्य मंदिर में भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे।
अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी की किस तिथि को आएंगे वह अभी निश्चित नहीं है। भगवान की प्राण प्रतिष्ठा लगभग 14-15 जनवरी से साधु-संतो द्वारा शुरू की जाएगी। यह कार्यक्रम लगभग 10 दिन तक हो सकता है, जिस दिन प्रधानमंत्री आएंगे, प्राण-प्रतिष्ठा का समापन उसी दिन उनकी उपस्थिति में होगा।
नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि श्रद्धालुओं में इस मंदिर के प्रति आशा और विश्वास है। ट्रस्ट ने अन्य संस्थाओं से सहायता ली और यह प्रयास किया कि देश के लगभग 4 लाख गांव में एक रसीद लेकर कार्यकर्ता जाएगा, सभी श्रद्धालुओं से मिलेंगे और उनका चंदा एकत्रित करेंगे। ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने 10 करोड़, 50 करोड़ रुपए भी दिए हैं…और इस माध्यम से लगभग 3,500 करोड़ रुपए एकत्रित हुए हैं।
नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर के भूतल में पांच मंडप हैं, जो गर्भगृह से शुरू होते हैं, जहां देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। भक्त 26 जनवरी, 2024 से पहले निश्चित रूप से भगवान राम के बाल रूप के दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मैं आपको सटीक तारीख नहीं बता पाऊंगा क्योंकि यह प्राण प्रतिष्ठा के आखिरी दिन प्रधानमंत्री की भागीदारी के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा घोषित तारीख पर निर्भर करेगा, जो अभी तक तय नहीं हुआ है।
उन्होंने बताया कि मंदिर दो भागों में पूरा होगा, पहला चरण 1 दिसंबर 2023 तक पूरा होगा। पहला भाग मंदिर का भूतल होगा जो लगभग 2.6 एकड़ भूमि का है। भूतल पर पांच मंडप हैं, जो गर्भगृह से शुरू होते हैं। भूतल पर 160 स्तंभ हैं, और प्रत्येक स्तंभ पर विभिन्न रूपों के 25 प्रतीका हैं। निचले चबूतरे पर काम, जो राम कथा बताता है, पत्थर पर नक्काशी पर आधारित है और यह वाल्मीकि रामायण से लिया गया है।
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