नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार शाम भारतीय जनसंघ के सह-संस्थापक पंडित दीन दयाल उपाध्याय के सम्मान में उनकी 63 फुट की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। यह प्रतिमा उनके सम्मान में नामित भाजपा मुख्यालय के सामने एक पार्क में स्थापित की गई है।
प्रतिमा तांबे, पीतल सहित कई धातु से निर्मित की गई है। इस भव्य प्रतिमा को तैयार करने में आठ से दस महीने का समय लगा है। इसे राजस्थान के कलाकार राजेश भंडारी और उनकी टीम ने बनाई है। बताया माना जा रहा है कि दिल्ली की सबसे ऊंची प्रतिमा है।
प्रतिमा का अनावरण करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दीन दयाल जी ने व्यक्तिगत, पारिवारिक जिम्मेदारियों की जगह राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का मार्ग चुना। उन्होंने हमेशा समाज के अंतिम पायदान तक खड़े व्यक्ति की बात की थी। यही उनके अंत्योदय का संकल्प था। इस संकल्प के साथ चलते हुए हमने 9 वर्षों में गरीबों के उत्थान के लिए कदम उठाए हैं, ताकि उनके समग्र विकास का संकल्प पूरा हो सके।
उन्होंने कहा कि देश ने एक ऐसा काम भी पूरा किया है, जिसने इस अवसर का संतोष और बढ़ा दिया है। पिछले सप्ताह ही भाजपा के नेतृत्व में संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास हुआ है। यह कदम न हमारे लोकतंत्र की जीत है बल्कि भारतीय जनता पार्टी के तौर पर वैचारिक जीत भी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता मोदी ने कहा कि आज हम सबके प्रेरणास्रोत पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जन्म जयंती का पावन अवसर, एक प्रेरक अवसर हम सबके लिए हमेशा प्राण शक्ति देता आया है। यह प्रतिमा दीनदयालजी द्वारा दिए गए एकात्म मानवदर्शन की प्रेरणा बनेगी और हमें अंत्योदय के संकल्प की याद बार-बार दिलाती रहेगी।
इस अवसर पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पंडित दीनदयालजी उपाध्याय अपने विचारों से ओतप्रोत, भारत माता के लिए अपना सर्वस्व देने वाले, सादगी का जीवन व्यतीत करते हुए देश सेवा में अपने आप को समर्पित करने वाले हमारे नेता थे। उनके मंत्र को लेकर अंत्योदय के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास’ के लिए काम हुआ है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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