श्रेय, अड़चनें डालने का!
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

श्रेय, अड़चनें डालने का!

कांग्रेस खुलकर विधेयक का विरोध नहीं कर सकी, तो उसका कारण मात्र यह था कि उसकी नीयत विधेयक पारित होने का श्रेय लेने की थी। यह धारणा सिरे से गलत है कि कांग्रेस की सरकारें गठबंधन की मजबूरी के कारण यह विधेयक पारित नहीं करा सकती थी

by हितेश शंकर
Sep 25, 2023, 06:20 pm IST
in भारत, सम्पादकीय
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

महिला आरक्षण विधेयक संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया। इस विधेयक को लेकर जैसी राजनीतिक खींचतान आज तक चलती आ रही थी, हालांकि उसकी तुलना में इस बार राजनीति ज्यादा नहीं हो सकी। तो क्या इसे संसद के नए भवन से मिला एक शुभ संकेत माना जाए? संभवत: नहीं।

महिला आरक्षण विधेयक पारित होने पर कांग्रेस ने जिस तरह श्रेय पर दावा किया है, उससे यही संदेह और पुष्ट होता है। जिस पार्टी के सदस्य सिर्फ अपने आलाकमान की नजरों में आने के लिए, इस बात पर एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करते रहे हों कि इस मुद्दे पर पहले किसे बोलना चाहिए, जिस पार्टी के संसदीय दल के नेता को भी साथ बैठाकर आलाकमान भरे सदन में कैमरों के सामने निर्देश देता जा रहा हो, जो पार्टी विधेयक को लगभग एक दर्जन बार संसद से वापस भेज चुकी हो, उसे किस अधिकार से इस विधेयक के पारित होने का श्रेय लेना चाहिए?

एक और विडंबना देखिए। मुस्लिम लीग द्वारा विधेयक का विरोध किया जाना समझा जा सकता है, क्योंकि मुस्लिम लीग तो संसद में भी हिजाब और बुरके की वकालत करती है, महिलाओं का नेतृत्वकारी भूमिका अपनाना तो उनकी किसी अवधारणा में ही नहीं है। नारी शक्ति की पुरजोर वकालत तो सनातन धर्म में की गई है, प्रधानमंत्री ने बार-बार की है, सनातन धर्म के सभी महापुरुषों एवं धर्मगुरुओं द्वारा की गई है। विडंबना यह कि जो पार्टी सनातन धर्म के विनाश की बात का मौन समर्थन कर रही है, वह महिला आरक्षण के श्रेय पर दावा कर रही है। जब आपके साथी दल विधेयक का हर संभव विरोध कर रहे हैं, तब आप श्रेय मांग रहे हैं, यह कैसा विरोधाभास है।
एक और विडंबना।

लगभग एक दशक से चंद सदस्यों वाले इसी दल ने हंगामा कर सकने की अपनी क्षमता के बूते सदन को बंधक बना रखा था। फिर अचानक यह विधेयक इतनी सरलता से कैसे पारित हो गया? इसका उत्तर कांग्रेस ने अपनी भंगिमाओं से स्वयं दे दिया है। कांग्रेस खुलकर विधेयक का विरोध नहीं कर सकी, तो उसका कारण मात्र यह था कि उसकी नीयत विधेयक पारित होने का श्रेय लेने की थी। यह धारणा सिरे से गलत है कि कांग्रेस की सरकारें गठबंधन की मजबूरी के कारण यह विधेयक पारित नहीं करा सकती थी। सच्चाई यह है कि गठबंधन में उस समय कांग्रेस के साथ रहे दल, जिनमें से अधिकांश आज भी कांग्रेस के साथ हैं, मुख्यत: इस कारण कांग्रेस के साथ बने हुए थे, क्योंकि उनके नेताओं के खिलाफ सीबीआई में और अन्यत्र मामले दर्ज थे।

क्या कांग्रेस श्रेय के लिए इस कारण बहुत बेचैन है, क्योंकि इसमें उसको पुन: एक परिवार को आगे रखने का अवसर नजर आया है? यह बहुत कुछ वैसा ही है जैसे निहायत अयोग्य बेटों को उपमुख्यमंत्री और मंत्री बनाने के बाद यह दावा किया जाए कि वह पिछड़े वर्ग के हैं अथवा हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक का यह स्वांग करना कि उसके पास रहने के लिए जगह नहीं है। दोनों का लक्ष्य यही होता है कि नीतियां सरकार की हों, व्यवस्था सरकार की हो और लाभ सिर्फ उनके परिवार को मिले। और वह भी समाज के एक पूरे वर्ग के नाम पर मिले।

लोकसभा में एक बहस के दौरान मुलायम सिंह यादव ने खुलकर कहा था कि वह विधेयक के विरोध में हैं, लेकिन मतदान नहीं कर सकते क्योंकि उनके खिलाफ मामले चल रहे हैं। फिर यह विधेयक पारित न कराने का दोष उन्हें कैसे दिया जाए? श्रेय लेने की जिस बेचैनी के लिए कांग्रेस ने संसद में हंगामा करने तक की अपनी आदत पर नियंत्रण रखने का इस बार स्वांग किया, वही उसका सारा कच्चा चिट्ठा खोल देती है। क्या कांग्रेस महिला आरक्षण को वोट बैंक साधने का औजार समझ रही है? पुरानी राजनीति की यह सोच ही गलत है।

वोट बैंकों की राजनीति ने सिर्फ कुछ परिवारों का भला किया है, लेकिन यहां बात देश के हर परिवार का भला करने की व्यापक नीतियों को उनकी पूर्णता तक ले जाने की है। महिला आरक्षण के वर्तमान विधेयक की पृष्ठभूमि में सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए चलाई गई दर्जनों योजनाएं मौजूद हैं। क्या कांग्रेस श्रेय के लिए इस कारण बहुत बेचैन है, क्योंकि इसमें उसको पुन: एक परिवार को आगे रखने का अवसर नजर आया है? यह बहुत कुछ वैसा ही है जैसे निहायत अयोग्य बेटों को उपमुख्यमंत्री और मंत्री बनाने के बाद यह दावा किया जाए कि वह पिछड़े वर्ग के हैं अथवा हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक का यह स्वांग करना कि उसके पास रहने के लिए जगह नहीं है। दोनों का लक्ष्य यही होता है कि नीतियां सरकार की हों, व्यवस्था सरकार की हो और लाभ सिर्फ उनके परिवार को मिले। और वह भी समाज के एक पूरे वर्ग के नाम पर मिले।

इस प्रकार की राजनीति वास्तव में लोकतंत्र का सामंतीकरण करती है। कांग्रेस और उसके पुराने तरीकों की राजनीति इस सामंतीकरण के सबसे बड़े प्रतीक हैं। वास्तविक लोकतंत्र तब माना जा सकता है जब देश के हित के साथ देश के हर नागरिक का हित सीधे जुड़ता हो। अब युग वास्तविक लोकतंत्र का है, और पुराने तरीकों की राजनीति को इसमें अवरोध बनने का प्रयास नहीं करना चाहिए। सदनों में आने वाली नारी शक्ति इन पुराने तरीकों को हमेशा के लिए समाप्त करा देगी। बेहतर होगा कि समय रहते इसका अहसास हो जाए।

@hiteshshankar

Topics: मुस्लिम लीग द्वारा विधेयक का विरोधOpposition to the Bill by Muslim LeagueWomen's Reservation BillCreditPutting Up Obstacles!सनातन धर्ममहिला सशक्तिकरणWomen EmpowermentSanatan Dharmaमहिला आरक्षण विधेयक
Share14TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

मुस्लिम युवती ने इस्लाम त्याग की घर वापसी

घर वापसी: इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, मुस्लिम लड़कियों ने की घर वापसी, मंदिर में किया विवाह

मोहम्मद खान ने सनातन धर्म अपनाकर हिन्दू रीति-रिवाज से किया विवाह

घर वापसी: पहलगाम आतंकी हमले से आहत मोहम्मद खान ने की घर वापसी, अपनाया सनातन धर्म

UCC से उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की नई शुरुआत : CM धामी

आदि शंकराचार्य

राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के सूत्रधार आदि शंकराचार्य

Video: बाबा केदारनाथ ने दिए दर्शन, हर हर महादेव का जयघोष, सीएम धामी की मौजूदगी में पीएम मोदी के नाम से हुई पहली पूजा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ

भारत को लगातार उकसा रहा पाकिस्तान, आसिफ ख्वाजा ने फिर दी युद्ध की धमकी, भारत शांतिपूर्वक दे रहा जवाब

‘फर्जी है राजौरी में फिदायीन हमले की खबर’ : भारत ने बेनकाब किया पाकिस्तानी प्रोपगेंडा, जानिए क्या है पूरा सच..?

S jaishankar

उकसावे पर दिया जाएगा ‘कड़ा जबाव’ : विश्व नेताओं से विदेश मंत्री की बातचीत जारी, कहा- आतंकवाद पर समझौता नहीं

पाकिस्तान को भारत का मुंहतोड़ जवाब : हवा में ही मार गिराए लड़ाकू विमान, AWACS को भी किया ढेर

पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर राजस्थान तक दागी मिसाइलें, नागरिक क्षेत्रों पर भी किया हमला, भारत ने किया नाकाम

‘ऑपरेशन सिंदूर’ से तिलमिलाए पाकिस्तानी कलाकार : शब्दों से बहा रहे आतंकियों के लिए आंसू, हानिया-माहिरा-फवाद हुए बेनकाब

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies