जिस पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों को दिन दहाड़े अगवा कर लिया जाता हो, जहां पर हिन्दू लड़कियों को जीने का अधिकार नहीं है और जहां से हर क्षण हिन्दू अपनी जान बचाकर भाग रहे हों, उस देश के अंतरिम विदेश मंत्री ने यह कहकर सनसनी फैलाने का असफल प्रयास किया है कि पाकिस्तान दरअसल हिन्दू धर्म का उद्गम स्थल है। यह हास्यास्पद कथन उन्होंने न्यूयॉर्क में एसिया सोसाइटी में दिए गए एक संबोधन के कहा। यह कल्पना ही हास्यास्पद है कि जिस पाकिस्तान को जन्मे हुए ही सौ वर्ष तक नहीं हुए है, वह सनातन काल से चले आ रहे हिन्दू धर्म का उद्गम स्थल होने की बात करता है? जिस हिन्दू धर्म का आरम्भ नहीं पता है, वह पाकिस्तान से आरम्भ हुआ, जिसका जन्म खुद भारत के अहसान पर हुआ है। भारत से अलग होकर बने पाकिस्तान के इस दावे पर हंसा ही जा सकता है। अब्बास जिलानी ने कहा कि वह 5,000 साल पुराने देश हैं।
उसके बाद दावा करते हुए कहा कि, “हमारा देश एक ऐसा देश है जहां एक बहुत ही महत्वपूर्ण धर्म का जन्म हुआ और मैं हिंदू धर्म के बारे में बात कर रहा हूं। एक बहुत ही महत्वपूर्ण धर्म अरब दुनिया से पाकिस्तान को दिया गया था, जो इस्लाम है, और एक बहुत ही महत्वपूर्ण धर्म जो पाकिस्तान में फला-फूला वह है बौद्ध धर्म।“ जिलानी ने जो कहा है उसे धूर्तता के अतिरिक्त और कुछ नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह पूरी दुनिया देख रही है कि पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है। जिलानी ने यह नहीं बताया कि पाकिस्तान कैसे पांच हजार साल पुराना देश हो सकता है, जब उसका अस्तित्व ही वर्ष 1947 में दुनिया के सामने आया था। उसका जन्म हुआ था!
उससे पहले वह भारत था, वह भारत जिसके विषय में विष्णु पुराण में लिखा है कि
उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्तति:।
और वायु पुराण में भी लिखा है
“इदं तु मध्यमं चित्रं शुभाशुभ फलोदयम्
उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमा वाना दक्षिणं चयता।”
(वायुपुराण उ45-75)
उसका स्वतंत्र अस्तित्व कुछ नहीं है। दरअसल पाकिस्तान तो खुद ही चुराई गयी जमीन पर बना है। वह हर चीज भारत से चुरा रहा है और यह तो धूर्तता का चरम है जहां एक ओर हर रोज हिन्दू लड़कियों का मतांतरण धड़ल्ले से किया जा रहा है जहां पर आज ही 15 और 12 वर्ष की दो हिन्दू बच्चियों का अपहरण करके जबरन कन्वर्जन कर दिया गया, वह पाकिस्तान स्वयं को हिन्दू धर्म का उद्गम स्थल कह रहा है? जिलानी को एक क्षण के लिए शर्म नहीं आई यह दावा करते हुए? यह दावा उस देश में जहां पर मंदिरों पर आए दिन हमले होते हैं, जहां पर हिन्दुओं की ऐतिहासिक विरासतों को धूल में मिला दिया गया है और जहां पर हिन्दुओं के खिलाफ लगातार कथित बेअदबी के आरोप लगाए जा रहे हैं और उन्हें इस प्रकार हर अधिकार से बेदखल किया जा रहा है। भारत में आने वाले पाकिस्तानी हिन्दू उन अत्याचारों के जीवित प्रमाण हैं जो पाकिस्तान उन्हें दे रहा है!
यह विभाजन के घावों पर नमक छिड़कने से भी बदतर है
जिलानी का यह कथन कि पाकिस्तान हिन्दू धर्म का उद्गम स्थल है, और कुछ नहीं बल्कि वर्ष 1947 में अखंड भारत भूमि के मजहब के आधार हठपूर्वक किए गए टुकड़े पर अट्टाहास करता हुआ क्रूर परिहास है। जिस मुल्क का जन्म ही हिन्दू धर्म के प्रति इस द्वेष के साथ हुआ हो कि हिन्दू और मुस्लिम दो देश हैं और वह एक साथ नहीं रह सकते हैं, वह देश यह कह रहा है कि वह हिन्दू धर्म का उद्गम स्थल है? जिस देश का निर्माण करने के लिए कलकत्ता से लेकर पूरे देश में हिन्दुओं की लाशें बिछा दी गयी थीं और जिसके लिए डायरेक्ट एक्शन डे की घोषणा की गयी थी और जिसके चलते न लाखों हिन्दुओं ने अपने प्राण गंवाए थे, हजारों हिन्दू लड़कियों की इज्जत लूट ली गयी थी और न जाने कितने बच्चों का कन्वर्जन करा दिया गया था, वह देश यह कहते नहीं लजा रहा है कि हिन्दू धर्म का उद्गम स्थल पाकिस्तान है!
यह विभाजन के साथ ही उन तमाम घावों पर नमक छिड़कने जैसा है जो अभी तक भारत की आत्मा पर लगे हुए हैं, क्योंकि भारत की शारदा पीठ से लेकर हिंगलाज माता पाकिस्तान में हैं। यदि हिन्दू धर्म से इस सीमा तक का गौरव अनुभव हो रहा है कि वह लोगों को इसलिए पाकिस्तान में आमंत्रित कर रहे हैं कि वह हिन्दू धर्म का उद्गम स्थल है तो यह भी स्पष्ट करें कि कटासराज जैसे पौराणिक मन्दिर इस खस्ताहाल में क्यों है? क्यों वह अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं? जिलानी उस देश के लिए हिन्दू जड़ों की बात करते हुए लोगों से वहां आने का आह्वान कर रहे हैं, जिसकी जड़ों से दूर होने के लिए वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कौन भूल पाएगा वर्ष 1876 में सैयद अहमद खान के कहे उन शब्दों को जिन्होनें आज के पाकिस्तान की नींव डाली थी और कहा था कि हिन्दू और मुसलमान मिलकर एक राष्ट्र नहीं बना सकते।
चौधरी रहमत अली जिन्होनें मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों को पाकिस्तान नाम दिया क्योंकि वह हिन्दू भारत के साथ नहीं रहना चाहते थे। और उसी देश के अंतरिम मंत्री आज यह दावा कर रहे हैं कि हिन्दू धर्म का उद्गम स्थल वह पाकिस्तान है जिसे मजहब के नाम पर अखंड भारत से छीनकर हिन्दुओं की लाशों एवं हिन्दू बहन बेटियों की लाज की लाशों पर बनाया गया है और क्षेत्र में अशांति के लिए भारत को उत्तरदायी ठहरा रहे हैं।
यह वही धूर्तता कर रहे हैं, जो वह हमेशा से करते आए हैं, जिसमें वह जिहादी रूप छिपा ले जाते हैं। जिलानी का यह वक्तव्य 75 साल पहले मजहब के नाम छीनी हुई जमीन पर बने एक धूर्त देश का वह मिथ्या प्रलाप है जिसके चलते वह लाखों हिन्दुओं की लाशों को दबाना चाहता है, परन्तु दुर्भाग्य से सर सैयद से लेकर इकबाल, चौधरी रहमत और जिन्ना जैसे लोगों की जहरीली तहरीरें दस्तावेजों में मौजूद हैं और साथ ही चेतना में मौजूद हैं उन लाखों हिन्दुओं की चीखें, जिन्होनें इन जहरीली तहरीरों के चलते जान दी थी। माँ भारती के वह आंसू जो विभाजन पर निकले थे और अभी तक वह सिसक रही है। यह बयान साधारण बयान नहीं बल्कि धूर्तता एवं शातिरता का वह चरम बिंदु है जहां पर निर्लज्ज पाकिस्तान ही पहुँच सकता है!
टिप्पणियाँ