जलवायु परिवर्तन का दंश पैना होता जा रहा है। लोग इस दंश का असर बहुत तेजी से महसूस करने लगे हैं। मौसम और ऋतु चक्र सब गड़बड़ा गए हैं। विश्व के अलग अलग हिस्से बाढ़, सूखे, अकाल, भूकंप, भूस्खलन जैसी आपदाओं और उससे हो रहे जानो—माल के नुकसान से त्रस्त हैं। ऐसे में वैज्ञानिकों ने जो ताजा चेतावनी दी है उससे और लोग हैरान—परेशान हैं। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के वैज्ञानिकों ने कहा है कि 2023 का साल इंसान के इतिहास का सबसे गर्म साल साबित होने जा रहा है।
यह प्रकट रूप में अनुभव भी किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, जुलाई 2023 में भयंकर गर्मी महसूस की गई थी। उसके फौरन बाद अगस्त महीना उससे भी गर्म रहा था। यूरोप भर में प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल थे। दुनिया के सागरों का ताप भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बढ़ते ताप का प्रभाव एशिया, अफ्रीका, अमेरिका जैसे देशों सहित विश्व के कमोबेश सभी महासागरों पर दिख रहा है।
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि 2016 के बाद 2023 का साल रिकॉर्ड सबसे गर्म साल साबित हुआ है। वैज्ञानिकों ने कोयले, तेल तथा प्राकृतिक गैस को जलाने और प्राकृतिक अल नीनो चक्रवात के अतिरिक्त बोझ को जलवायु परिवर्तन की वजह बताया है। अल नीनो यानी प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों का अस्थायी रूप से गर्म होना, इसकी वजह से दुनियाभर में मौसम में बदलाव आता है। इस साल के शुरू में आरम्भ हुआ अल नीनो वैश्विक तापमान में गर्मी में बढ़ोतरी करने की एक बड़ी वजह माना जाता है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन का कहना है कि धरती के उत्तरी हिस्से में 2023 में अब तक सबसे अधिक गर्मी दर्ज की गई है। अगस्त महीने में रिकॉर्डतोड़ ताप महसूस किया गया था। डब्लूएमओ तथा यूरोपीय जलवायु सेवा कॉपरनिकस ने कहा है कि पिछले महीने अब तक की सबसे ज्यादा गर्मी मापी गई है। वैज्ञानिकों ने सचेत किया है कि लोगों को सावधानी बरतनी ही होगी क्योंकि 2023 मानव इतिहास का सबसे गर्म साल साबित होने जा रहा है।
गर्मी की बात करें तो इस साल का अगस्त महीना करीब 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तपा था। वैसे पिछले कई दशकों से 1.5 डिग्री सेल्सियस का ताप सीमा बना रहा था। लेकिन इस बार आंकड़ा इससे ऊपर जाता लगा था। डब्ल्यूएमओ और कॉपरनिकस का कहना है कि धरती का 70 प्रतिशत से अधिक भाग घेरने वाले महासागरों के बावजूद यह अगस्त महीना करीब 21 डिग्री सेल्सियस को छूते हुए अभी तक का सबसे गर्म महीना नापा गया था। गत तीन महीने लगातार भयंकर गर्मी से तपे हैं।
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि 2016 के बाद 2023 का साल रिकॉर्ड सबसे गर्म साल साबित हुआ है। वैज्ञानिकों ने कोयले, तेल तथा प्राकृतिक गैस को जलाने और प्राकृतिक अल नीनो चक्रवात के अतिरिक्त बोझ को जलवायु परिवर्तन की वजह बताया है। अल नीनो यानी प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों का अस्थायी रूप से गर्म होना, इसकी वजह से दुनियाभर में मौसम में बदलाव आता है। इस साल के शुरू में आरम्भ हुआ अल नीनो वैश्विक तापमान में गर्मी में बढ़ोतरी करने की एक बड़ी वजह माना जाता है।
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