नई दिल्ली। राष्ट्रपति श्री मती द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि देश को कुशल मल्टी-मॉडल परिवहन प्रणाली की आवश्यकता है। इसके लिए रेल, सड़क, वायु और जल परिवहन को समग्र दृष्टिकोण से निपटाया जाना चाहिए। भारतीय रेलवे (2019, 2020 और 2021 बैच) के 213 प्रोबेशनर्स के एक समूह ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी वाणिज्यिक संगठन के विपरीत भारतीय रेलवे देश की सामाजिक जीवन रेखा है। यह आम लोगों के सपनों को साकार करता है। साथ ही इसकी राष्ट्रव्यापी कनेक्टिविटी देश की विविधता को प्रदर्शित करती है। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय रेलवे लोगों को यादगार अनुभव प्रदान करने और भारतीयों और विदेशी आगंतुकों को विविध भारतीय संस्कृति की झलक प्रदान करने के लिए अपनी सेवाओं को उन्नत कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि रेलवे बुनियादी ढांचे का विकास देश की सामाजिक-आर्थिक वृद्धि और विकास को बड़ा बढ़ावा देता है। हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग करके और विश्व स्तरीय सुविधाओं को जोड़कर ”अमृत भारत स्टेशन योजना” के तहत रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास एक महान जन-केंद्रित पहल है, जो पर्यटन गतिविधियों और आर्थिक प्रगति को मजबूत बढ़ावा प्रदान करेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि युवा अधिकारी आधुनिक हरित भारतीय रेलवे के निर्माण और एक विकसित राष्ट्र के निर्माण में उपयोगी भूमिका निभाएंगे।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को समग्र रूप से परिवहन पारिस्थितिकी तंत्र में आवश्यक कौशल, ज्ञान और विशेषज्ञता हासिल करने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि उन्हें देश के भीतर और अन्य देशों की सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करना चाहिए और उन्हें अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को कुशल मल्टी-मॉडल परिवहन प्रणाली की आवश्यकता है, जिसके लिए रेल, सड़क, वायु और जल परिवहन को समग्र दृष्टिकोण से निपटाया जाना चाहिए, न कि अलग-थलग। उन्होंने भारतीय रेलवे के अधिकारियों से आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय में काम करने का आग्रह किया।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ