भारत मंडपम से आलोक गोस्वामी
नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सदस्य देशों का आह्वान किया कि आज 21वीं सदी के इस दौर में पूरी दुनिया चुनौतियों के समाधान के लिए हमारी तरफ देख रही है। ऐसे में हमें अपने दायित्वों को जिम्मेदारी के साथ निभाते हुए उनके समधान के लिए मिलकर काम करना है। मोदी ने कहा कि इस दृष्टि से हमें मिलकर विश्वास का माहौल बनाना है, आपसी विश्वास के साथ हर दायित्व को निभाते हुए आगे बढ़ना है।
उद्घाटन सत्र में ही अध्यक्ष के नाते प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीका संघ को जी20 के सदस्य के नाते सम्मिलित करने का सर्वसम्मत प्रस्ताव रखा और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अजाली असौमनी को बैठक में स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने स्वयं उनके स्थान पर जाकर उन्हें सम्मानपूर्वक बैठाया। मोदी का यह व्यवहार विदेशी मेहमानों पर एक अमिट छाप छोड़ गया।
उद्घाटन सत्र में ही अध्यक्ष के नाते प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीका संघ को जी20 के सदस्य के नाते सम्मिलित करने का सर्वसम्मत प्रस्ताव रखा और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अजाली असौमनी को बैठक में स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री ने स्वयं उनके स्थान पर जाकर उन्हें सम्मानपूर्वक बैठाया। मोदी का यह व्यवहार विदेशी मेहमानों पर एक अमिट छाप छोड़ गया।
‘वन अर्थ’ या ‘एक धरती’ विषय पर केन्द्रित इस सत्र में मोदी ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा कि आज दुनिया में अर्थव्यवस्था का संकट है, खाद्यान्न, तेल, ईंधन, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य जैसी अनेक चुनौतियां हैं। हमें इन सबके ठोस समाधान की तरफ बढ़ना ही होगा।
जी20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन दोपहर में विभिन्न सदस्य देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ताएं होंगी। उसके बाद एक और सत्र होगा—’वन फैमिली’। यानी दुनिया एक ही परिवार, एक ही कुटुम्ब है। इसमें भी सदस्य देशों के प्रमुख अपने वक्तव्य रखेंगे।
भारत ने जी20 के इस पूरे आयोजन को ही ‘एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ के मंत्र पर केन्द्रित किया है। इसलिए शिखर सम्मेलन के सभी सत्र इस विषय पर ही होने वाले हैं।
आज शाम को ही राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सभी विदेशी शासनाध्यक्षों को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया है।
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