नई दिल्ली। भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक नई दिल्ली में शुरू हो गई है। G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी पहली बार भारत कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रगति मैदान के भारत मंडपम में बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और मॉरीशस के अपने समकक्षों का स्वागत किया। पीएम मोदी ने G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन स्थल पर कनाडाई समकक्ष जस्टिन ट्रूडो का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया और एक-दूसरे का गर्मजोशी से स्वागत किया। ट्रूडो शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे नेताओं में शामिल थे। पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे का अभिवादन किया।
बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैमरे के सामने पोज दिया। दोनों नेताओं ने शुक्रवार को द्विपक्षीय बैठक की थी। जैसे ही नेता एक-एक करके पहुंचे, पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया। पृष्ठभूमि में ओडिशा से कोणार्क चक्र का प्रदर्शन किया गया।
इस बार की थीम- वसुधैव कुटुंबकम (वन अर्थ)
बहुप्रतीक्षित ऐतिहासिक G20 नेताओं का शिखर सम्मेलन आज, 9 सितंबर को देश की राजधानी नई दिल्ली में शुरू हुआ। इस साल की थीम ‘वन अर्थ’ है। शिखर सम्मेलन का विषय, “वसुधैव कुटुंबकम” या “एक पृथ्वी · एक परिवार · एक भविष्य” है – जो महोपनिषद से लिया गया है।
रात्रिभोज की मेजबानी करेंगी राष्ट्रपति
शाम करीब 7 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से रात्रिभोज का आयोजन होगा। जी20 शिखर सम्मेलन के रात्रिभोज में विदेशी प्रतिनिधि, मौजूदा मंत्रिमंडल के सांसद और मंत्री के अलावा देश के कुछ पूर्व वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सप्ताहांत शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। हालाँकि, शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व चीनी प्रधान मंत्री ली कियांग करेंगे। इस दौरान रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल ‘भारत मंडपम’ में विश्व बैंक अध्यक्ष अजय बंगा और क्रिस्टालिना जॉर्जीवा सहित विश्व नेताओं का शनिवार को गर्मजोशी से स्वागत किया। नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर तक चलेगा।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली के प्रगति मैदान में जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आयोजन स्थल भारत मंडपम पर पहुंचने वाले सभी प्रमुख नेताओं का स्वागत किया। जी-20 शिखर सम्मेलन स्थल पर पहुंचने वाले प्रमुख नेताओं में विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक एवं चेयरमैन क्रिस्टालिना जॉर्जीवा और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवीला शामिल थे। स्वागत स्थल के ठीक पीछे 13वीं शताब्दी की सुप्रसिद्ध कलाकृति कोणार्क चक्र की प्रतिकृति स्थापित की गई है।
प्रगति का प्रतीक है कोणार्क चक्र
कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल के दौरान किया गया था। इसमें 24 तीलियां हैं। यह भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और वास्तुशिल्प उत्कृष्टता का प्रतीक है। इसकी घूर्णन गति प्रतीक है- समय, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन। यह यह लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस चक्र को समय, प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है।
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