उत्तर प्रदेश में सीतापुर जनपद की शीबा ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया। अब उसे राधिका के नाम से जाना जाएगा। शीबा की अपने गांव के युवक रामू से काफी दिनों से जान-पहचान थी। कुछ समय पहले दोनों ने शादी का निर्णय लिया। उस समय शीबा ने इस्लाम मजहब को छोड़ दिया। शीबा का कहना है कि “मैंने हलाला और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से बचने के लिए यह फैसला किया है। मुझको इन कुरीतियों से नफरत है। मैं मुस्लिम समाज की सभी मुसलमान लड़कियों से कहना चाहती हूं कि हिंदू लड़के से शादी करें और इज्जत-सम्मान के साथ अपना जीवन बिताएं।”
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रामू और शीबा की करीब डेढ़ वर्ष से जान-पहचान थी। ये दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं। कुछ समय पहले दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। रामू ने अपने घरवालों से इसके बारे में बात की। मगर घरवाले इस इस शादी के लिए तैयार नहीं थे। उसके बाद रामू ने गांव के पंडित जी को इसके बालरे में बताया। वह शादी कराने को तैयार हो गए। शादी हो जाने के बाद दोनों के घरवाले सहमत हो गए।
युवक रामू अपने गांव में ही मेहनत-मजदूरी का काम करता है। रामू के परिवार वालों को इस शादी से कोई दिक्कत नहीं है। रामू के घरवालों का कहना है कि हम लोगों को शीबा को स्वीकारने में कोई दिक्कत नहीं है। उसने हिन्दू रीति-रिवाज से शादी की है और हमारे घर में भी वह हमारे तौर-तरीके से ही रह रही है। बता दें कि शादी के पहले ही शीबा ने इस्लाम छोड़कर सनातन धर्म अपना लिया था। उसके बाद उसका नाम राधिका रखा गया था। गांव में ही विवाह संपन्न कराया गया।
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