लखनऊ। नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा पर चौकसी बढ़ाई जायेगी. इधर हाल के कुछ वर्षों में देखने में आया है कि नेपाल की सीमा पर कुछ लोग घर बनाकर बसते जा रहे हैं. वो लोग कहां से आये हैं और उनकी आजीविका का क्या साधन है. इन सभी बिंदुओं पर उत्तर प्रदेश पुलिस जांच करेगी. अभी कुछ समय पहले नेपाल की सीमा से लगे मदरसों की भी जांच की गई थी. उत्तर प्रदेश और नेपाल के सीमा पर कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर किसी नजर नहीं पड़ती है. अब उन क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाई जा रही है. ऐसे लोगों का पुलिस पूरा ब्यौरा जुटा रही है. उन लोगों को वहां पर बसने का कारण, निवास की अवधि एवं आय का स्रोत सम्बंधित सभी जानकारी देनी होगी.
अभी हाल ही में नेपाल सीमा पर स्थित मदरसों का सत्यापन कराया गया था. इस सत्यापन में पाया गया था कि ज्यादातर मदरसे बाहरी लोगों की सहायता से बनवाये गए. काफी संख्या में बाहर से आकर लोग नेपाल सीमा पर आकर बस गए हैं. सत्यापन में ऐसे भी कई लोग पाए गए जिनके पास नेपाल और भारत दोनों देशों की नागरिकता है. नेपाल बार्डर पर बदल रही डेमोग्राफी के लिए सख्ती बरती जायेगी. नेपाल बॉर्डर से 10 किलोमीटर के दायरे में गांव और कस्बे में जांच की जाएगी.
देनी होगी ये जानकारी
नेपाल सीमा में बसने वाले लोगों को बताना होगा कि उनके परिवार का मुखिया कौन है और मोबाइल नंबर क्या है? वो लोग नेपाल सीमा के निकट किस कारण बसे हैं. वहां पर कितने वर्षों से रह रहे हैं ? उनकी नागरिकता किस देश की है ?. उन लोगों की मतदाता सूची में नाम की जांच की जाएगी. राशन कार्ड का सत्यापन किया जाएगा. उस परिवार का भरण-पोषण किस प्रकार होता है ? उस क्षेत्र में कितनी भूमि उनके पास है? अगर कोई दो पहिया या चार पहिया वाहन है तो उसके बारे में जानकारी जुटाई जाएगी. अगर किसी घर के किरायेदार हैं तो मकान मालिक का विवरण एवं यह भी बताना होगा कि मकान मालिक से उनकी जान – पहचान किस आधार पर है.? वहां पर बसने वाले लोग अपने मूल निवास पर कब – कब जाते हैं. ? यह भी बताना होगा.
टिप्पणियाँ