दिल्ली: भारत मंडपम में नटराज की सबसे ऊंची मूर्ति, 7 महीने में हुई तैयार, चोल साम्राज्य से रिश्ता, जानिये क्यों है खास

नटराज की यह प्रतिमा जी20 शिखर सम्मेलन में आकर्षण बनने जा रही है

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WEB DESK

नई दिल्ली। प्रगति मैदान के भारत मंडपम में अष्टधातु से बनी नटराज की मूर्ति स्थापित है। यह 27 फीट ऊंची और 18 टन वजनी है। अष्टधातु से बनी यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसे तमिलनाडु के स्वामी मलाई के प्रसिद्ध मूर्तिकार राधाकृष्णन और उनकी टीम ने रिकॉर्ड 7 महीने में तैयार किया है। चोल साम्राज्य काल से ही राधाकृष्णन की 34 पीढ़ियाँ मूर्तियां बना रही हैं। ब्रह्मांडीय ऊर्जा, रचनात्मकता और शक्ति का महत्वपूर्ण प्रतीक नटराज की यह प्रतिमा जी20 शिखर सम्मेलन में आकर्षण बनने जा रही है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने सोशल मीडिया पर (एक्स) पोस्ट के जरिये यह जानकारी दी है।

वहीं, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) द्वारा एक्स पर साझा एक पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत मंडपम में भव्य नटराज प्रतिमा हमारे समृद्ध इतिहास और संस्कृति के पहलुओं को जीवंत करती है। जैसे ही दुनिया जी20 शिखर सम्मेलन के लिए एकत्रित होगी, यह भारत की सदियों पुरानी कलात्मकता और परंपराओं के प्रमाण के रूप में खड़ा होगा।”

भारत पहली बार कर रहा G20 बैठक की मेजबानी

दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को G20 की बैठक होने जा रही है। बैठक भारत मंडपम में होगी। इसमें 20 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। भारत पहली बार इस सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली को सजा दिया गया है। इसी क्रम में भारत मंडपम में भगवान नटराज की मूर्ति स्थापित की गई है। इस मूर्ति के निर्माण में शिल्प शास्त्र के सभी नियमों का पालन किया गया है।

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