विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के ग्राम धरगा में एक संत के दावे के बाद बुधवार को जमीन की खुदाई की गई। इसमें ढाई फीट की बजरंग बली की पत्थर की प्रतिमा निकली। इस दौरान जिला प्रशासन की टीम भी मौजूद रही।
ग्रामीणों ने बताया कि ओंकारेश्वर के संत हरिदास त्यागी महाराज मंगलवार को ही ग्राम धरगा पहुंचे थे। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि गांव के बीच खाली जमीन में सिद्ध स्थान है और यहां जमीन के नीचे हनुमान जी की मूर्ति दबी है। इसके बाद मंगलवार शाम को ग्रामीणों की बैठक हुई और बुधवार सुबह 8 बजे से खाली पड़ी जमीन की खुदाई शुरू की गई। खुदाई की जानकारी मिलने के बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल, वन और राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने खुदाई रुकवा दी।
इस दौरान कुछ ग्रामीणों की अधिकारियों से काफी बहस भी हुई। नाराज ग्रामीणों ने खाली पड़ी जमीन पर भजन कीर्तन शुरू कर दिया। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने दस्तावेजों की जांच की तो यह जमीन गांव के ही किसान दुर्ग सिंह की पाई। इसके बाद ग्रामीणों ने फिर खुदाई शुरू की, जिसमें यह मूर्ति मिली। मूर्ति निकलते ही इस क्षेत्र में पूजा-पाठ का दौर शुरू हो गया है। अब यहां मंदिर निर्माण की बात कही जा रही है।
विदिशा के कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बताया कि यह जमीन वन विकास निगम की जमीन से लगी हुई है, इसलिए खुदाई रुकवाई थी। जब जमीन निजी निकली तो सीमांकन कर यह जमीन किसान को सौंप दी। प्रशासन की जांच पूर्ण होने के बाद ग्रामीणों ने फिर खुदाई शुरू कर दी। करीब चार फीट की खुदाई के बाद जमीन से हनुमान जी की प्रतिमा निकली है।
ओंकारेश्वर के संत हिरदास त्यागी महाराज ने बताया कि वे छह माह पहले गांव आए थे। तब वे खाली पड़ी जमीन पर विश्राम करने गए थे। इसी दौरान उन्हें सपना आया था कि जमीन के नीचे हनुमान जी की मूर्ति दबी है। इसी के बाद कुछ लोगों को यह जानकारी देकर वापस ओंकारेश्वर चले गए थे। जब उन्हें पता चला कि मूर्ति अब तक नहीं निकाली गई तो वे दोबारा गांव पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से जमीन की खुदाई कर हनुमान जी की मूर्ति निकाली गई।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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