लंदन। ब्रिटेन में हिंदू विरोधी हिंसा और नफरत पर खालिस्तान समर्थकों को वहां के मंत्री ने दो टूक जवाब दिया है। ब्रिटेन में हाल ही में हिंदू विरोधी हिंसा और नफरत को लेकर सरकार ने कहा कि समाज में इसके लिए कोई जगह नहीं है। ब्रिटेन के स्थानीय सरकार मंत्री ली राउली ने मंगलवार को कहा कि समाज में फैल रही हिंदू विरोधी नफरत घृणित है और इसकी हमारे समाज में कोई जगह नहीं है। ब्रिटेन सरकार इसकी निगरानी करने के साथ इससे मुकाबला करने के लिए पुलिस और सामुदायिक भागीदारों के साथ काम कर रही है।
मंत्री ली राउली ब्रिटेन के सांसद नवेंदु मिश्रा के सवालों का जवाब दे रहे थे। दरअसल, नवेंदु मिश्रा ने ली रोवले से ब्रिटेन में “हिंदूफोबिया के स्तर के रुझान” के बारे में उनके विभाग के आकलन के बारे में पूछा था। इस बीच, ब्रिटेन के व्यापार राज्य सचिव केमी बडेनोच ने मार्च महीने में खालिस्तान समर्थकों द्वारा लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले की निंदा की। खालसा वॉक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने हमले को अपमानजनक बताया।
लंदन में भारतीय उच्चायोग पर मार्च में लगभग 50 लोगों के एक समूह ने हमला कर दिया था। इस हमले में भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के साथ में मारपीट हुई थी।
भारतीय उच्चायोग पर हमले का आयोजन दल खालसा यूके के गुरचरण सिंह ने किया था। खालसा वॉक्स के मुताबिक, केमी बडेनोच ने भारतीय उच्चायोग के सभी राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटिश सरकार की सराहना की। वहीं, जी20 समिट इंडिया 2023 में व्यापार मंत्रियों के सत्र के दौरान, मंत्री केमी बडेनोच ने एकीकरण के जटिल मुद्दे और उग्रवाद से उत्पन्न चुनौतियों पर जोर दिया।
मंत्री केमी बडेनोच ने कहा, “किसी भी देश में, चाहे वह कितनी ही वैश्विक महाशक्ति क्यों न हो, समस्याएं तो रहेंगी ही। ब्रिटेन में सबसे दिलचस्प चीजों में से एक और मैं इसे देश के आप्रवासियों में से एक के रूप में कहता हूं, वह यह है कि कई बार लोग उस तरह से एकीकृत नहीं होते हैं जैसा हम चाहते हैं।”
भारतीय उच्चायोग पर हमले ने न केवल राजनयिक परिसर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई बल्कि राजनयिकों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर व्यापक प्रभाव के बारे में भी चिंताएं पैदा कर दीं। उन्होंने कहा, मैंने व्यक्तिगत रूप से सोचा था कि जो कुछ हुआ और मैं व्यक्तिगत रूप से ही नहीं बल्कि ब्रिटेन सरकार की ओर से बोलता हूं कि वह अपमानजनक था।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
टिप्पणियाँ