चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद आज ISRO ने सूर्य मिशन यानी Aditya-L1 को भी सफलता पूर्वक लॉन्च कर दिया है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित लॉन्चिंग सेंटर से आदित्य-L1 मिशन को 11:50 बजे लॉन्च किया गया। आदित्य एल-1 अब 127 दिन बाद अपने पॉइंट L1 तक पहुंच जाएगा। वहां से Aditya-L1 बेहद अहम डेटा भेजना शुरू कर देगा।
जानकारी के अनुसार आदित्य-L1 अब 16 दिनों तक धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। इस दौरान पांच ऑर्बिट मैन्यूवर होंगे, ताकि उसे सही गति मिल सके। उसके बाद आदित्य-L1 का ट्रांस-लैरेंजियन 1 इंसर्शन होगा। फिर वहां से उसकी अगली यात्रा शुरू होगी। मिशन जैसे ही L1 पर पहुंचेगा, वह वहां एक ऑर्बिट मैन्यूवर करेगा, ताकि वह L1 प्वाइंट के चारों तरफ चक्कर लगा सके।
14.85 करोड़ किलोमीटर दूर से करेगा सूर्य की स्टडी
जानकारों के मुताबिक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि ISRO का Aditya-L1 सूरज पर नहीं जाएगा। धरती से सूरज की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर है। आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर L1 यानी लैरेंज प्वाइंट वन पर जाएगा। वहां से सूरज से 14.85 करोड़ किमी दूरी से सूर्य की स्टडी करेगा। बताते चलें कि सूरज की सतह से थोड़ा ऊपर यानी फोटोस्फेयर का तापमान करीब 5500 डिग्री सेल्सियस रहता है। उसके केंद्र का तापमान अधिकतम 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस रहता है। इसलिए वहां किसी यान या स्पेसक्राफ्ट का जाना संभव नहीं है क्योंकि वह सूरज की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाएगा।
क्या स्टडी करेगा आदित्य-L1
आदित्य-एल1 भारत का पहला सोलर मिशन है। जानकारों के मुताबिक यह सूर्य मिशन सूरज के जुड़े कई रहस्यों को उजागर करने के लिए काम करेगा। आदित्य-L1 यह पता लगाएगा कि सौर तूफानों के आने की वजह क्या है और सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर पड़ता है। इसके अलावा सूरज से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा। वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा।
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